जब शिशु माँ के गर्भ में होता है तो वहाँ बहुत छोटी सी जगह होती है,
शिशु करवट भी नहीं ले सकता ऐसी जगह होती है और रहता कहाँ है
माँ के मल-मूत्र में लिपटा हुआ रहता है और वो भी उल्टा लटका होता है,
मल- मूत्र में लिपटे हुए पूरे नौ महीने हर मनुष्य रहता है, पैसे वाला बनेगा बाद में गरीब बनेगा बाद में
गर्भ में तो सब की दशा बराबर है और शिशु जब दो-तीन महीने का होता है तो ये जो ऊपर का जो स्किन है पर्दा वो नहीं होता है
सिर्फ मांस का लोथड़ा होता है और जब माँ कुछ भी नमक-मिर्च खाती है तो सीधे बच्चे को लगता है, सोचिए कितना दर्द होता होगा
हमे जरा सा कटता है तो कितना दर्द होता है और वहाँ तो सारा कटे के बराबर है जो शिशु नहीं सहन कर पाते हैं, वो गर्भ में हीं समाप्त हो जाते है , इतने कष्टों वाला है वो गर्भ।
जीव कहता है भगवान मुझे इस नर्क से निकल दो |
भगवान कहते हैं मैं तुझे निकाल दूँगा तू बाहर आ कर क्या करेगा जीव कहता है, मैं बाहर आ कर प्रभु भजन करूँगा .
जैसे ही बाहर आता है माया के वश हो कर सभी कुछ भूल जाता है भगवान से किया हुआ वादा भूल जाता है दुनियाँ में आ कर मोह माया में फँस कर रह जाताहै।
और बार बार बचपन जवानी और फिर बुढ़ापा इन अवस्थाओं से जीव बार बार गज़रता है. भगवान कहते हैं जब मैं तुझे मानव बना के भेजूँ
तो ऐसा काम कर के आना जिससे तुझे दुबारा इस मृत्यु-लोक में ना आना पड़े . मैं तुझे इन्सान बना कर भेज रहा हूँ,
मानव कहता है भगवान मैं जाऊँगा तो सब भूल जाऊँगा माया मुझे पकड़ लेगी,
भगवान कहते हैं मैं तुझे याद दिला दूँगा तुम चिंता मत करो |
अब आप पूछ सकते है की भगवान ने आपको याद दिलाया हीं नहीं मगर ये बात नहीं है की आपको याद नहीं दिलाया
हम जो आपको ये कथा के माध्यम से बता रहे है ये भगवान की प्रेरणा से बता रहें है
हम इतने श्रेष्ठ नहीं हो की साक्षात भगवान दर्शन दे, ये वेद-पुराण सब आपको यही याद दिलाते हैं, हम भगवान को दोष नहीं दे सकते
की आपने याद नहीं दिलाया अब हमने क्या किया ये याद करने वाली बात है क्या हमने भगवान से किया वादा पूरा किया ?
भगवान का काम करने जायेंगे तो कंजूसी के साथ पार्टी करने जायेंगे तो खुले हाथों से,
जो काम नर्क में ले जाये वो ज्यादा और जो काम स्वर्ग में ले जाये वो काम बहुत कम करते हैं या बिलकुल नहीं करते की हम मॉडर्न है।
किसी होटल को वेटर को बीस रूपए देना कम लगता है, जब की उसे वेतन मिल रहा होता है और वहीं सड़क पे बैठे भिखारी को
बीस रुपया देना बहुत ज्यादा लगता जब की उसे असल में जरुरत है जो काम भगवान के धाम में ले जाये वो काम नहीं करते और जो काम नर्क में ले जाये वही करते हो, पूजा-पाठ के लिए समय नहीं होता है और डिस्को जाने के लिए बहुत समय होता है तू अपनी इतनी छोटी सी दुनियाँ में आ कर भगवान को भूल गया और भगवान जो जगत पिता हैं। उन्होंने तुझे नहीं भुलाया वो हर पल तुझे याद करता रहा, क्यों ?
तू ज्यादा महान है? नहीं, अगर चाहते हो न मेरे भाई – बहन की तुम्हारा कल्याण हो तो मानव – जीवन का सदुपयोग करो।
और प्रभु का नाम ज़्यादा से ज़्यादा लें . और प्रभु से किये वादे को पूरा करें ताकि इस दुनियाँ में बार बार ना आना पड़े.
चौरासी लाख योनियों में भटकना ना पड़े यह मानव जीवन बहुत अनमोल है सखाओ और सखिओ प्रभु का सिमरन जाप करो. और इस चौरासी लाख योनियों से मुक्ति प्राप्त करो |
Translate in English
When the baby is in the mother’s womb, there is a very small space,
The baby can’t even turn, there is such a place and where does it live
remains wrapped in mother’s excreta and urine and that too hangs upside down,
Every man lives for nine months wrapped in feces and urine, he will become rich later, he will become poor later.
In the womb, the condition of everyone is equal and when the baby is two to three months old, then the skin above it is not the veil.
There is only a lump of meat and when the mother eats any salt and pepper, then the child feels it directly, imagine how much pain it must have been
If we get bitten then it hurts so much and there it is equal to the whole cut, which babies are unable to bear, they end in the womb itself, that womb is the one with so many troubles.
The soul says, Lord, get me out of this hell.
God says I will kick you out, what will you do after coming out, the creature says, I will come out and worship the Lord.
As soon as it comes out, being under the control of Maya, forgets everything, forgets the promise made to God, comes into the world and remains trapped in illusion.
And again and again childhood, youth and then old age passes through these stages again and again. God says when I send you as a human
So come by doing such a thing so that you do not have to come again to this world of death. I am sending you as a human being,
Man says God if I go, I will forget everything, Maya will catch me,
God says I will remind you, don’t you worry.
Now you can ask that God has not reminded you but it is not that he did not remind you.
What we are telling you through this story, we are telling it with the inspiration of God.
We are not so superior that God can be seen, these Vedas and Puranas all remind you this, we cannot blame God.
That you didn’t remind us what we did now, it is a matter to remember, did we fulfill the promise made to God?
If you go to do God’s work, you will go to party with miserliness, then with open arms,
The work that takes us to hell is more and the work that takes us to heaven, we do very little or don’t do it at all because we are modern.
It is less costly to pay twenty rupees to a waiter in a hotel when he is getting his salary and to a beggar sitting on the road.
It seems too much to give twenty rupees when what he really needs is the work that takes him to the abode of God, he does not work and does the work that takes him to hell, there is no time for worship and to go to the disco. There are many times when you come to your small world and forgot God and God who is the father of the world. He did not forget you, he kept remembering you every moment, why?
are you great? No, if you do not want the welfare of my brothers and sisters, then make good use of human life.
And chant the name of the Lord as much as possible. And fulfill the promise made to the Lord so that you do not have to come again and again in this world.
Don’t have to wander in eighty-four lakh yonis, this human life is very precious, teach and keep chanting the simran of the Lord. And get freedom from this eighty-four lakh yonis.