एक नन्ही लाल मुर्गी अपने तीन मित्रों कुत्ता, बत्तख, और बिल्ली के साथ रहती थी। नन्ही लाल मुर्गी बहुत मेहनती थी परन्तु उसके दोस्त आलसी थे।
एक दिन उसे एक मक्के का दाना मिला। मेहनती मुर्गी ने अकेले ही दाना बोया। जब उसमें मक्के लगे तो अकेले ही काटा। फिर वो उसे चक्की वाले के पास ले गई।
चक्की वाला मुर्गी की मेहनत से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने मक्के का आटा पीसा और उसे दे दिया। घर आकर अपने आलसी मित्रों को शिक्षा देने के लिए नन्ही लाल मुर्गी ने मात्र अपने लिए सूप बनाया और सब देखते रह गए।
शिक्षा : मेहनत का फल मीठा होता है।