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एकाग्रता की ताकत!!

इंग्लैंड की राजपरम्परा में अनेक यशस्वी और प्रतिभाशाली शासक हुए हैं। जिनके नाम आज भी आदर और सम्मान के साथ लिए जाते हैं। उन्हीं में से एक राजा अल्फ्रेड का नाम भी इंग्लैंड के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

अल्फ्रेड का शासनकाल जनता की भलाई के लिए किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। परंतु उनका जीवन प्रारम्भ से ही जनप्रिय नहीं था। उनके स्वभाव में एक बड़ा दोष था कि वे अस्थिरचित्त थे।

किसी कार्य को लगन और एकाग्रता से करना उनका स्वभाव नहीं था। शासकीय कार्यों में भी वे कभी एक निर्णय लेते तो कभी दूसरा। एकाग्रता की कमी के कारण प्रायः अपने पूर्व के निर्णय को ही वे बार बार बदलते रहते।

जिसके कारण राजकार्य में संलग्न कर्मचारियों में भ्रम और अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती थी। जिसका असर शासन व्यवस्था पर पड़ रहा था। कर्मचारी अपने अनुसार नए नए आदेश जारी करते और कहते कि वे राजा अल्फ्रेड द्वारा जारी किए गए हैं।

स्वाभाविक चंचलता के कारण वे भोग विलास में डूब गए। जिसका फायदा उठाकर उनके विरोधियों ने उनसे राजसिंहासन छीन लिया। विरोधियों से बचने के लिए अल्फ्रेड को राजधानी से भागना पड़ा।

राजधानी से भागकर अल्फ्रेड ने एक सीमावर्ती गांव में एक किसान के यहां नौकरी कर ली। यहां उसे भोजन और रहने का ठिकाना मिल गया। साथ ही अच्छी बात यह थी कि वहां कोई उसे पहचानता नहीं था।

किसान ने उसे घरेलू काम में लगा दिया। जहां उसे बर्तन धोने, खाना पकाने में मदद करनी पड़ती थी। वह काम करता और अधिकतर समय अपने पुराने दिनों के सपनों में खोया रहता।

एक बार किसान की पत्नी चूल्हे पर दाल चढ़ाकर किसी काम से बाहर जाने लगी। जाते हुए उसने अल्फ्रेड से कहा कि देखना डाल जलने न पाए। लेकिन उसके जाते ही एडोल्फ अपने खयालों में गुम हो गया।

किसान की पत्नी जब वापस लौटी तो उसने देखा कि दाल अब भी चूल्हे पर चढ़ी हुई है और पूरी तरह जल चुकी है। साथ ही उसने देखा कि एडोल्फ एक तरफ बैठा खयालों में गुम है। उसे बहुत गुस्सा आया।

उसने गुस्से में कहा, “लड़के तू भी राजा अल्फ्रेड की ही तरह है। जैसे वह भोग विलास और ख्वाबों के कारण अपना राज्य गवां बैठा और मारा-मारा घूमता है। वैसे ही तू भी चाहता है।”

किसान की पत्नी की ये बातें सुनकर अल्फ्रेड को झटका लगा। उसके सामने अपना पूरा पिछला जीवन घूम गया। उसने उसी समय निश्चय किया कि अब वह सपनों में नहीं जियेगा। जो भी काम करेगा पूरी एकाग्रता के साथ करेगा।

उसने फिर अपने विश्वासपात्र लोगों को एकत्र किया और एकाग्रचित होकर योजना बनाकर फिर से अपना राज्य प्राप्त किया। इस बार उसने योग्य शासक के रूप में वो सारे कार्य किये। जिनके लिए उसका कार्यकाल इंग्लैंड के इतिहास में अमर हो गया।

सीख- Moral

यह moral story शिक्षा देती है कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। अस्थिरचित्त से सही फैसले नहीं लिए जा सकते।

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