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गरीबों की मदद

पुराने समय की बात है। यूनान के किसी गांव में तीन भाई रहते थे। तीनों बहुत महत्वाकांक्षी थे। गांव में आय के साधन सीमित थे। उनके पास थोड़ी सी खेती थी। जिससे वे अपना जीवन यापन करते थे। किंतु तीनों भाई वैभवशाली और समृद्ध जीवन जीना चाहते थे।

इसलिए उन्होंने एथेंस शहर जाकर कुछ बड़ा काम करने का निश्चय किया। गांव की सारी जमीन जायजाद बेंचकर वे एथेंस शहर पहुंचे। अपनी पूंजी से उन्होंने व्यापार शुरू किया। लेकिन व्यापार में उन्हें सफलता नहीं मिली। उनकी सारी पूंजी डूब गई।

निराश होकर तीनों भाइयों ने शहर छोड़कर जंगल में रहने का विचार किया। एक दिन सुबह सुबह वे भोजन साथ लेकर जंगल की ओर निकल पड़े। चलते चलते दोपहर हो गयी तो तीनों भाई एक तालाब के किनारे बैठ गए।

वे भोजन शुरू ही करने वाले थे कि उनके सामने एक बूढ़ा व्यक्ति आ गया। उसकी दाढ़ी बहुत लंबी थी और वह एक लाठी के सहारे थोड़ा झुककर खड़ा था। बूढ़ा व्यक्ति बिना कुछ बोले उनके बगल में आकर बैठ गया। बड़े भाई ने बूढ़े को गौर से देखा और बोला, ” क्या आप कुछ खाना पसंद करेंगे।”

उसकी बात सुनकर बूढ़ा बहुत प्रसन्न हुआ। उसने कहा, ” तुम भले लोग प्रतीत होते हो। शायद जंगल में भटक गए हो। चलो मैं तुम्हारी इस जंगल से निकलने में मदद करूंगा।” इसके बाद सबने भोजन किया। भोजन करने के बाद बूढ़ा व्यक्ति भी उन लोगों के साथ चलने लगा।

चलते चलते वे लोग जंगल में काफी दूर निकल आये। जंगल के बीच में एक जगह खुला मैदान था। ऊपर बहुत सारे कौवे उड़ रहे थे। बूढ़ा व्यक्ति वहां पहुंचकर रूक गया। पीछे मुड़कर उसने सबसे बड़े भाई से पूंछा, “इस समय तुम क्या पाना चाहते हो ?”

बड़े भाई ने उत्तर दिया, “इस समय मैं चाहता हूँ कि ये जितने भी कौवे आकाश में उड़ रहे हैं। वे सब बकरियां बनकर नीचे आ जाएं और मैं उनका मालिक बन जाऊं।” बूढ़े व्यक्ति ने पूछा, “अगर ऐसा हो जाये तो क्या तुम कुछ दूध गरीबों को भी दिया करोगे ?”

बड़े भाई ने बड़ी प्रसन्नता से उत्तर दिया, “क्यों नहीं, मैं तो दूध के अलावा दही और मक्खन भी गरीबों में बांटा करूंगा।” यह सुनकर बूढ़ा बहुत खुश हुआ और उसने अपनी लाठी तीन बार जमीन पर पटकी। और एक चमत्कार हुआ। आकाश के सारे कौवे बकरी बन कर बड़े भाई के चारों ओर घूमने लगे।

बड़ा भाई बहुत प्रसन्न हुआ। उसने बूढ़े व्यक्ति को धन्यवाद दिया और वहीं रहने लगा। बूढ़ा व्यक्ति बाकी दोनों भाइयों के साथ आगे चल दिया। चलते चलते वे लोग एक घने देवदार के जंगल में पहुँचे।बूढ़े ने रुककर इस बार दूसरे नम्बर के भाई से पूछा, “तुम इस समय क्या चाहते हो ?”

उसने कहा, “मैं चाहता हूँ कि ये सारे देवदार के पेड़ जैतून के पेड़ों में बदल जाएं और मैं इनका मालिक बन जाऊं।” बूढ़े ने फिर कहा, “अगर ऐसा हो जाये तो क्या तुम कुछ जैतून का तेल गरीबों को भी दिया करोगे ?”
दूसरे भाई ने उत्तर दिया, “बिल्कुल। मैं रोज गरीबों को उनकी जरूरत के अनुसार तेल बांटा करूंगा।” यह सुनकर बूढ़ा व्यक्ति बहुत प्रसन्न हुआ। उसने अपनी लाठी तीन बार पटकी और देवदार का जंगल जैतून के जंगल में बदल गया। बड़ा भाई खुशी खुशी वहीं रुक गया।

बूढ़ा और सबसे छोटा भाई आगे बढ़ गए। चलते चलते वे एक साफ और सुंदर तालाब के पास पहुंचे। बूढ़ा व्यक्ति वहीं बैठ गया। छोटा भाई भी उसके बगल में बैठ गया। बूढ़े ने उससे पूछा, “तुम क्या चाहते हो ?” छोटा भाई बोला, “मैं चाहता हूँ कि यह तालाब शहद के तालाब में बदल जाये और हमेशा बहता रहे।”

बूढ़े ने फिर पूछा, ” और अगर ऐसा हो जाये तो क्या तुम शहद का उपयोग गरीबों को भी करने दोगे ?” उसने उत्तर दिया, “हाँ, मैं बिल्कुल ऐसा करूंगा।” बूढ़े ने खुश होकर अपनी लाठी तीन बार जमीन पर पटकी और तालाब का सारा पानी शहद में बदल गया।

बूढ़ा व्यक्ति वहां से चल गया। वह छोटा लड़का वहीं रहने लगा। लड़के ने शहद को शहर में बेंचकर खूब पैसा कमाया और सुख सुविधापूर्ण जीवन जीने लगा। लेकिन वह अपना वादा भी नहीं भूला था। वह रोज गरीबों को शहद बांटता था। इस प्रकार काफी दिन बीत गए।

एक दिन उसके मन में विचार आया कि अपने भाइयों से मिलने चलना चाहिए। अपना काम दूसरे लोगों को सौपकर वह भाइयों से मिलने चल पड़ा। दूसरे नम्बर के भाई के जैतून के जंगल के पास पंहुचकर उसने देखा कि वहां जैतून कि बजाय पहले की तरह देवदार के पेड़ खड़े हैं। उसका भाई भी उसे कहीं दिखाई नहीं दिया।

उसने अपने भाई को बहुत ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिला। वह दुखी मन से सबसे बड़े भाई के पास चल पड़ा। घास के मैदान के पास पहुंचकर उसने देखा कि उसका सबसे बड़ा भाई भी वहां नहीं था। न तो उसकी बकरियां ही वहां थीं न वह स्वयं था। उसने उसे भी बहुत ढूंढ लेकिन वह भी नहीं मिला।

दुखी होकर वह थोड़ा आगे बढ़ा तो उसे एक चट्टान पर वही बूढ़ा व्यक्ति बैठा मिला। छोटे लड़के को देखकर बूढ़ा बहुत प्रसन्न हुआ। उसने कहा, “तुमने गरीबों के लिए किया गया अपना वादा निभाया, इसलिए तुम सुख भोग रहे हो। वे लोग अपना वादा भूल गए, उन्होंने गरीबों को कुछ नहीं दिया। इसलिए वे उसका दुष्परिणाम भोग रहे हैं।” यह कहकर बूढ़ा अन्तर्ध्यान हो गया।

कहानी से सीख । Moral of Story

कहानी से सीख – गरीबों की मदद हमें सिखाती है कि अपने पास उपलब्ध संसाधनों से गरीबों की मदद जरूर करनी चाहिए। साथ ही अगर हम कोई लाभ प्राप्त करने के लिए कोई वादा करते हैं तो उसे जरूर निभाना चाहिए।

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