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मेहनत के सपने!!

एक गांव में एक भिकारी रहता था जो बेहद आलसी और गरीब था। वह मेहनत वाला कोई काम नहीं करना चाहता था लेकिन वह अमीर बनने के सपने देखता था। उसे उसका रोज का खाना भी भिक में ही मिलता था।

एक दिन गांव में बड़ी सी शादी थी। शादी के दिन दूल्हे ने उसे दूध का मटका दिया। भिकारी दूध को उबाला, उसमें से कूछ दूध पीया और बाकी दूध मटके में डाल दिया। उसने दूध में थोड़ा सा दही मिलाकर दूध को दही जमाने के लिए रख दिया। फिर वह आराम करने के लिए लेट गया।

वह दूध के मटके को देखकर बेहद खुश होता रहा और सोते हुए भी उस दही के मटके के बारे में सपने देखने लगा। उसने सोचा कि अगर वह अमीर बन गया तो उसके सारे दुख दूर हो जाएंगे। फिर उसका ध्यान उस दूध के मटके की तरफ चला गया जिसमें उसने दही जमाने के लिए रखा था।

वह सपने देखता रहा, “सुबह तक दूध का मटका दही में बदल जाएगा। मै दही में मदानी मार के उसमें से मक्खन निकालूंगा और फिर मै मक्खन को गर्म करके उसका घी बनाऊंगा। फिर मै बाजार जाकर उस घी को बेचूंगा और उसमें से पैसे कमाऊंगा।

उस पैसे से मैं एक मुर्गी खरीदूंगा। वह मुर्गी अंडे देगी और थोड़े समय बाद उन अंडों में से और मुर्गियां और मुर्गें निकलेंगे। यह मुर्गे और मुर्गियां बहुत सारे अंडे पैदा करेंगे। फिर कुछ समय में मेरा खुद का मुर्गी फार्म होगा।” वह सोचता रहा।

“फिर मै अपने फार्म की सारी मुर्गियां बेच दूंगा और फिर उससे गांव खरीदूंगा और दूध का व्यापार शुरू करूंगा। मुझसे फिर सारे गांव के लोग दूध खरीदेंगे। मैं बहुत आमिर बन जाऊंगा। सब लोग मेरा आदर करेंगे और अगर वह कोई भी गलत काम करेगा तो मै उसे गुस्सा करूंगा। उसे सही काम आदत डालने के लिए मैं उसे डंडे से भी मारूंगा।” अपने सपने में उस भिकारी ने अपने पलंग के पास रखे डंडे को उठा लिया और उस डंडे को मटके पर मार दिया। दूध का मटका टूट गया और वह अपने सपने से जाग गया। फिर उसे अहसास हुआ कि वह दिन में सपने देख रहा था।

Moral of the Story – आपके सपने मेहनत के बिना कभी पूरे नहीं होंगे।

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