एक बार की बात है, एक राज्य में एक राजा और रानी राज करते थे। दोनों ही अपनी प्रजा का खूब ध्यान रखते और दोनों ही बहुत अच्छे थे। उनके जिंदगी में बस एक ही कमी थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी। एक बार रानी ने मन इच्छा जताई कि उनकी एक बेटी हो, जो सबसे सुंदर और प्यारी हो। कुछ सालों बाद रानी की यह इच्छा पूरी हुई और उन्होंने एक सुन्दर सी बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने स्नो व्हाइट रखा। पूरे राज्य में खुशियां ही खुशियां थी, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकी। कुछ दिनों बाद जब राजा और रानी जंगल में घूमने गए, तो एक जादूगरनी ने मौका पाकर रानी को चिड़िया बना दिया और अपने पास पिंजरे में कैद कर लिया। रानी के अचानक गायब होने से राजा को लगा कि रानी की मौत हो गई। राजा बहुत दुखी हुए और उन्होंने स्नो व्हाइट की देखभाल और मां के प्यार के लिए दोबारा शादी की। लेकिन, जिससे उन्होंने शादी की, वो वही जादूगरनी थी जिसने रानी को चिड़िया बनाकर कैद कर लिया था। उस जादूगरनी ने रूप बदलकर राजा के साथ शादी की थी।
उसकी चिड़िया को देख स्नो व्हाइट बहुत खुश हुई और उसने वो चिड़िया उससे मांग ली। इस बात से अनजान की वो चिड़िया उसकी मां है, स्नो व्हाइट उसे बहुत प्यार से अपने पास रखती। उस जादूगरनी को स्नो व्हाइट के रूप से बहुत जलन थी। वो चाहती थी कि पूरी दुनिया में सबसे खूबसूरत वही हो। उस जादूगरनी के पास एक जादुई आईना था, जिससे वो हर रोज पूछती कि सबसे सुंदर कौन? हर बार आईने का जवाब आता, ‘रानी आप तो सुंदर हैं ही, लेकिन स्नो व्हाइट आपसे भी ज्यादा सुंदर है।’ यह सुनकर उसे बहुत गुस्सा आता। एक दिन उसने फैसला कर लिया कि वो स्नो व्हाइट को मार डालेगी। इसके लिए उसने एक मंत्री को बुलाया और उससे कहा, ‘जाओ, जाकर स्नो व्हाइट को मार डालो।’ मंत्री डर गया और स्नो व्हाइट को जंगल में ले गया, लेकिन उसे मार न सका। उसने स्नो व्हाइट को सारी बात बताई और उसे भाग जाने को कहा। स्नो व्हाइट दुखी हो गई और वहां से भाग गई।
मंत्री ने वापस आकर झूठ बोल दिया कि उसने स्नो व्हाइट को मार दिया है। जादूगरनी रानी बहुत खुश हुई। उधर स्नो व्हाइट जंगल में भटक ही रही थी कि उसकी नजर एक छोटी-सी झोपड़ी पर गई। वो उस झोपड़ी में चली गई। वहां, उसने देखा कि बहुत छोटी-छोटी 7 प्लेट लगी हैं और उसमें कई तरह के भोजन हैं। स्नो व्हाइट को भूख भी लगी थी, तो उसने हर प्लेट में से थोड़ा-थोड़ा भोजन कर लिया, फिर उसकी नजर वहां लगे 7 बेड पर पड़ी। स्नो व्हाइट को नींद भी बहुत आ रही थी, तो वो आराम करने का सोचकर एक बेड पर लेट गई। लेटे-लेटे उसे नींद आ गई और वो सो गई। तभी, थोड़ी देर बाद वहां सात बौने आए, उन्हें अंदाजा लग गया था कि वहां कोई आया है। जैसे ही उनकी नजर स्नो व्हाइट पर पड़ी, उसकी खूबसूरती देख बौने उसे देखते ही रह गए।
तभी स्नो व्हाइट की नींद खुली और उसने डरते हुए बौनों को सारी बात बताई। बौने उसकी बात सुनकर चौंक गए और उन्होंने कहा, ‘स्नो व्हाइट अगर तुम हमारे लिए हमेशा अच्छा खाना बनाओगी और हमारे घर का ख्याल रखोगी, तो तुम हमारे साथ रह सकती हो।’ स्नो व्हाइट ने उनकी बात मान ली और सब खुशी-खुशी रहने लगे।
एक दिन उस जादूगरनी रानी ने फिर से अपने जादुई आईने से पूछा कि सबसे सुंदर कौन? इस बार वो बहुत खुश थी कि स्नो व्हाइट के मरने के बाद आईना उसी का नाम लेगा। लेकिन, अफसोस ऐसा कुछ नहीं हुआ। आईने ने फिर कहा, ‘रानी आप हो सबसे सुंदर, लेकिन आपसे भी सुंदर है स्नो व्हाइट।’ रानी यह सुनकर हैरान रह गई और सारी बात समझ गई कि मंत्री ने उसे धोखा दिया है। फिर आईने ने उसे बताया कि स्नो व्हाइट बौनों की झोपड़ी में रहती है।
यह सुनने के बाद जादूगरनी रानी ने तरकीब निकाली। उसने जादू से जहरीला सेब बनाया और उसे स्नो व्हाइट को खिलाकर उसे हमेशा के लिए सुलाने का सोचा। वो अपना रूप बदलकर स्नो व्हाइट के पास पहुंची। उसने स्नो व्हाइट को सेब खरीदने को कहा और खरीदने से पहले उसे चखने के लिए वो जहरीला सेब दिया। स्नो व्हाइट उसे बूढ़ी औरत समझकर मना नहीं कर सकी और उसने वो जहरीला सेब चख लिया। सेब चखते ही स्नो व्हाइट की तबीयत बिगड़ने लगी और उसी बीच वो जादूगरनी अपने असली रूप में आ गई और स्नो व्हाइट के सामने हंसने लगी। स्नो व्हाइट अपनी सौतेली मां को देख हैरान रह गई और गहरी नींद में चली गई।
उसके कुछ देर बाद ही वहां बौने आए और स्नो व्हाइट को वहां पड़ा देख वो दुखी हो गए। उन्हें लगा स्नो व्हाइट उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। उन्होंने उसे दफनाने का सोचा, लेकिन उनका मन न माना और उन्होंने उसे एक शीशे के ताबूत में रख दिया। तभी वहां राजा के दोस्त का बेटा, जो कि एक राजकुमार था, वो आया। स्नो व्हाइट को देख वो चौंक गया और बहुत दुखी हुआ। उसने बौनों से स्नो व्हाइट के बारे में पूछा और दुखी होकर स्नो व्हाइट को ताबूत समेत अपने साथ ले जाने के बारे पूछा। सारे बौने दुखी हो गए, उन्होंने ताबूत का शीशा खोला और राजकुमार ने स्नो व्हाइट पर प्यार जताते हुए उसके हाथ को चूमा। इतने में स्नो व्हाइट को होश आ गया। स्नो व्हाइट ने सबको अपने सामने देख सारी बात बताई। सब समझ गए कि जादूगरनी सौतेली मां की वजह से ही ऐसा हुआ है।
वो बौने जादूगर बनकर राजा के दरबार पहुंचे और उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि रानी को खूबसूरत बनने का शौक है। वो उन्हें बहुत खूबसूरत बना सकते हैं, लेकिन उन्हें उनके साथ चलना होगा। रानी और राजा उनके साथ चल पड़े और जैसे ही रानी पर सूरज की किरणें पड़ीं, वो अपने जादूगरनी के रूप में आ गई। वहां स्नो व्हाइट और राजकुमार भी पहुंचे। स्नो व्हाइट को देख राजा खुश हो गए। उन्होंने राजा को सारी बात बता दी और फिर बौनों ने अपनी शक्ति से जादूगरनी के जादू को खत्म कर दिया। जादू खत्म होते ही चिड़िया बनी असली रानी अपने रूप में आ गई। राजा और स्नो व्हाइट रानी को देख बहुत खुश हुए और जादूगरनी को बंदी बनाने का आदेश दे दिया। इसके बाद राजा-रानी ने स्नो व्हाइट और राजकुमार के विवाह का आयोजन किया और बौनों को तोहफे दिए। सभी खुशी-खुशी रहने लगे।
कहानी से सीख:
इस कहानी से यही सीख मिलती है कि बाहरी खूबसूरती से ज्यादा अंदर की खूबसूरती ज्यादा मायने रखती है।