पुराने समय की बात है। एक राजा बहुत ही निर्दयी था। उसके यहां अनेेक गुलाम थे और वह अपने गुलामों के साथ बुरा व्यवहार करता था ।एक बार एक गुलाम ने चोरी से एक फल खा लिया ।गुलाम अभी छोटा सा लड़का ही था। लेकिन राजा ने उसे कठोर दंड देने का निश्चय किया ।दंड के भय से वह गुलाम जंगल में भाग गया ।
वह जंगल में एक झाड़ी के नीचे छुप कर बैठ गया ।झाड़ी में बैठे बैठे गुलाम लड़के ने एक शेर के कराहने की आवाज सुनी ।लड़का झाड़ी से निकलकर शेर के पास आया। उसे लगा कि शेर के पैर में कुछ तकलीफ है ।उसने शेर का बाया पंजा उठाकर।तो देखा उसमें एक बहुत बड़ा कांटा घुस गया था।
लड़के ने धीरे से शेर के पैर से वह कांटा निकाल दिया । जिस से शेर का दर्द दूर हो गया।इसके बाद उस शेर और लड़के की मित्रता होगी ।
इसी बीच गुलाम लड़के को राजा के सिपाहीयों ने जंगल में देख लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। सिपाही उसे राजा के सामने ले गए।
राजा ने लड़के को सजा सुनाते हुए कहा “इसे भूखे शेर के सामने डाल दिया जाए” ।जंगल से शेर को पकड़ कर लाया गया ।उसे कई दिन तक भूखा रखा गया।
इसके बाद उस लड़के को भूखे शेर के आगे डाल दिया। लेकिन शेर उसको मारने के बजाय उसके पैरों को प्यार से चाटने लगा। यह देख कर राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ ।उसने लड़के से इस बारे में पूछा तो लड़के ने सारी घटना राजा को बता दी।
तब राजा की समझ में आया कि जब जंगल का इतना खूंखार राजा भी उस लड़के को क्षमा कर सकता है तो मैं क्यों नहीं।
अब उस राजा ने उस लड़के को क्षमादान दिया और उसके साथ साथ कई और गुलामों को भी आजाद कर दिया।
Moral Of The Story
जब एक जानवर भी अपने साथ किए गए दया व उपकार को याद रख सकता है ।तो हम मानव होकर किसी द्वारा अपने पर किये हुए उपकार को क्यों भूल जाते हैं।