एक औरत ने घर के काम-काज के लिए दो नौकरानियाँ रखी हुई थीं। वह उनसे दिन भर कड़ी मेहनत कराती। उस औरत के पास एक मुर्गा था, जो हर सुबह चार बजे बांग देकर उन्हें उठा देता था।
नौकरानियों को सुबह जल्दी उठना बिल्कुल पसंद नहीं था, इसलिए उन्हें उस मुर्गे से ही नफरत हो गई थी। एक दिन एक नौकरानी दूसरी से बोली, “किसी दिन जब मालकिन कहीं गई होगी, तभी हम इस मुर्गे को खत्म कर देंगे।
उसके बाद कोई हमें सुबह जल्दी नहीं उठायेगा और हम जी भरकर सो सकेंगी।” दूसरी नौकरानी को भी उसकी । योजना पसंद आ गई। एक दिन मौका देखकर उन्होंने मुर्गे को मार दिया और आरोप किसी और पर लगा दिया।
मालकिन को उन दोनों की चाल समझ में आ गई थी। इसलिए अगले दिन उसन। उन्हें आधी रात को ही उठा दिया। जब उन्होंने कहा कि अभी 4 नहीं बजे हें तो मालकिन बोली,
“तुम काम करना शुरू करो और 4 बजे मुझे जगा देना। नौकरानियाँ पछताने लगीं कि उन्होंने बेकार में ही मुर्गे को मारा।
शिक्षा : कुटिलता से अपना ही नुकसान होता है।