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प्राकृतिक जीवनसैली से टेक्नोलॉजी के जंगल तक

मिट्टी से शुरू होकर संगठित और अच्छे जीवनशैली की ओर बदलाव की कहानी। यह कहानी टेक्नॉलॉजी के उपयोग से प्राकृतिक और साथीपूर्ण जीवनसैली की ओर ले जाती है। यह विचारशील लेख प्रकृति के साथ हमारे संबंध को समझाता है, जो हमें अपने पर्यावरण में साथीपूर्ण और स्वस्थ बनाने के लिए जागरूक करता है।

  1. मिट्टी के बर्तनों से स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों तक और फिर कैंसर के खौफ से दोबारा मिट्टी के बर्तनों तक आ जाना।
  2. अंगूठाछाप से दस्तखतों (Signatures) पर और फिर अंगूठाछाप (Thumb Scanning) पर आ जाना।
  3. फटे हुए सादा कपड़ों से साफ सुथरे और प्रेस किए कपड़ों पर और फिर फैशन के नाम पर अपनी पैंटें फाड़ लेना।
  4. सूती से टैरीलीन, टैरीकॉट और फिर वापस सूती पर आ जाना ।
  5. जयादा मशक़्क़त वाली ज़िंदगी से घबरा कर पढ़ना लिखना और फिर IIM MBA करके आर्गेनिक खेती पर पसीने बहाना।
  6. क़ुदरती से प्रोसेसफ़ूड (Canned Food & packed juices) पर और फिर बीमारियों से बचने के लिए दोबारा क़ुदरती खानों पर आ जाना।
  7. पुरानी और सादा चीज़ें इस्तेमाल ना करके ब्रांडेड (Branded) पर और फिर आखिरकार जी भर जाने पर पुरानी (Antiques) पर उतरना।
  8. बच्चों को इंफेक्शन से डराकर मिट्टी में खेलने से रोकना और फिर घर में बंद करके फिसड्डी बनाना और होश आने पर दोबारा Immunity बढ़ाने के नाम पर मिट्टी से खिलाना….
  9. गाँव, जंगल, से डिस्को पब और चकाचौंध की और भागती हुई दुनियाँ की और से फिर मन की शाँति एवं स्वास्थ के लिये शहर से जँगल गाँव की ओर आना।
    इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि टेक्नॉलॉजी ने जो दिया उससे बेहतर तो प्रकृति ने पहले से दे रखा था


प्राकृतिक जीवनशैली से टेक्नोलॉजी के जंगल तक की यात्रा एक अद्भुत परिवर्तन की कहानी है, जिसने मानव सभ्यता को नई दिशाएं और आयाम प्रदान किए हैं। यह यात्रा मानव जाति के विकास और उसकी अद्भुत क्षमताओं का प्रमाण है।

प्राकृतिक जीवनशैली:

प्राचीन काल में, मनुष्य प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ा था। जीवन बहुत सरल था और मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर था। खाना, आश्रय, और अन्य बुनियादी आवश्यकताएं प्राकृतिक स्रोतों से पूरी होती थीं। लोग स्वयं को प्रकृति का हिस्सा मानते थे और प्राकृतिक नियमों के अनुसार जीवन जीते थे।

टेक्नोलॉजी का उदय:

समय के साथ, मनुष्य ने अपनी जिज्ञासा और सृजनात्मकता के माध्यम से नई-नई खोजें और आविष्कार किए। यह टेक्नोलॉजी के उदय की शुरुआत थी। आग की खोज से लेकर पहिये के आविष्कार तक, और फिर औद्योगिक क्रांति से लेकर डिजिटल युग तक, टेक्नोलॉजी ने मानव जीवन को गहराई से प्रभावित किया है।

टेक्नोलॉजी का प्रभाव:

टेक्नोलॉजी ने संचार, यात्रा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और मनोरंजन सहित हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इंटरनेट और स्मार्टफोन ने दुनिया को एक ग्लोबल विलेज में बदल दिया है। अब, जानकारी का आदान-प्रदान और संचार कुछ ही सेकंडों में हो जाता है।

चुनौतियां और संतुलन:

हालांकि टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को सुविधाजनक और तेज बना दिया है, इसके अपने नकारात्मक प्रभाव भी हैं। पर्यावरणीय प्रदूषण, सोशल मीडिया की लत, और निजता के मुद्दे आज के समय की कुछ प्रमुख चिंताएँ हैं। इसलिए, टेक्नोलॉजी के साथ संतुलन बनाना और प्राकृतिक जीवनशैली के मूल्यों को न भूलना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

प्राकृतिक जीवनशैली से टेक्नोलॉजी के जंगल तक की यात्रा मानव जाति के अदम्य साहस और नवाचार की गाथा है। यह यात्रा हमें सिखाती है कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए और टेक्नोलॉजी का उपयोग जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए, ताकि हम एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ सकें।

प्लास्टिक के बर्तन में खाना खाना क्यों है खतरनाक?

इससे ‘एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग’ नाम का ज़हर बनता है. जो हमारे हार्मोंस में असंतुलन पैदा करता है. इसके कारण हमारे हार्मोंस ठीक से काम करना बंद कर देते हैं. वहीं लंबे समय तक प्लास्टिक के बने बर्तनों में खाना खाना से कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है.

प्लास्टिक के बर्तन में पानी पीने से क्या होता है?

प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से हमारा इम्यून सिस्टम काफी प्रभावित होता है। प्लास्टिक की बोतलों से निकलने वाले रसायन हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बिगाड़ देते हैं। एक रिसर्च में सामने आया है कि प्लास्टिक की बोतलों पर टायलेट सीट से ज्यादा कीटाणु होते हैं।

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