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दारा सिंह v/s किंग कॉग


दारा सिंह, भारतीय सिनेमा और टेलीविज़न के अभिनेता, प्रोफेशनल पहलवान, फ़िल्म निर्देशक, और राजनीतिक व्यक्ति थे। वे बड़ी पुनेर्जीलीला पहलवान रहे हैं और उन्हें भारतीय पहलवानों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 19 नवंबर 1928 को धारमपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था और उनका नाम दीरा सिंह था।

दारा सिंह ने अपने पहले बड़े अभिनय करियर का आरंभ 1952 में की थी, और उन्होंने बॉलीवुड और पंजाबी सिनेमा में कई हिट फिल्में की। कुछ उनकी प्रमुख फिल्में में “संत ग्यानेश्वर” (1963), “दादा” (1979), “मेरा नाम जोकर” (1970), और “धरती का संतन” (1987) शामिल हैं।

दारा सिंह का हिस्सा भी पहलवानी के क्षेत्र में था, और उन्होंने कई पहलवानी खेलों में भाग लिया। उन्हें भारतीय रेस्लिंग के उच्च स्तर का पहलवान माना जाता है।

दारा सिंह ने अपनी फिल्म करियर के साथ ही टेलीविज़न पर भी कार्य किया और उन्होंने साउथ एसियाई पहलवान नेटवर्क के शो “धरती के वीर” में भी काम किया।

उन्होंने अपनी शानदार करियर में कई पुरस्कार भी जीते, और उन्हें भारत सरकार द्वारा “पद्म श्री” से सम्मानित किया गया। दारा सिंह 12 जुलाई 2012 को निधन हुए, लेकिन उनकी यादें भारतीय सिनेमा और पहलवानी में हमेशा जीवित रहेंगी।

जब दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी किंग कॉग को सर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था ।
रुस्तमे हिन्द भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनसे जुड़ी तमाम ऐसी बातें है जिनकी छाप हमारे दिल पर है ! कुश्ती खेली तो ऐसी कि 500 मैचों में उन्हें कोई हरा नहीं पाया और अभिनय किया तो ऐसा कि आज भी लोग रामायण के हनुमान जी भुलाए नहीं भूलते !

दारा सिंह के छोटे भाई जिन्हें लोग रंधावा के नाम से जानते थे , इन दोनों ने एक साथ पहलवानी करनी शुरू की थी और धीरे-धीरे गांव के दंगलों से लेकर शहरों तक में ताबड़तोड़ कुश्तियां जीतकर अपने गाँव का नाम रोशन किया था !
दारा सिंह ने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को हरा कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी. 1968 में वे अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने थे. उन्होंने 55 की उम्र तक पहलवानी की और 500 मुकाबलों में किसी एक में भी हार का मुंह नहीं देखा ..था.!

दारा सिंह को हमेशा किंग कॉन्ग के साथ हुए उनके मुकाबले के लिए जाना जाता रहेगा !. इतिहास के सबसे हैरतअंगेज मुकाबलों में से एक इस मुकाबले में दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी किंग कॉग को सर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था! महज 130 किलो के दारा सिंह द्वारा लगाया गया ये दांव देखकर दर्शकों ने दांतो तले उंगलियां दबा ली थी !

दारा के इस दांव के बाद किंग कॉन्ग रेफरी पर चिल्लाने लगा था. किंग के अनुसार यह नियमों के खिलाफ था. जब रेफरी ने दारा को ऐसा करने से रोका तो दारा ने किंग कॉन्ग को उठाकर रिंग से बाहर फेंक दिया था और किंग दर्शकों से महज कुछ ही कदम की दूरी पर जा कर गिरे थे ! . दारा सिंह, किंग कॉन्ग और फ्लैश गॉर्डन ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 50 के दशक में कुश्ती की दुनिया में राज किया था. दारा और किंग का मैच देखने के लिए दर्शकों का भारी हुजूम उमड़ पड़ता था!

दारा सिंह ने 1983 में उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला खेला और जीत के बाद संन्यास ले लिया था. ये टूर्नामेंट दिल्ली में हुआ था. अपराजित रहने वाले और कुश्ती के कई दिग्गज नामों को धूल चटाने वाले दारा सिंह ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1952 में फिल्म संगदिल से की थी ! उन्होंने आगे जाकर कई फिल्मों में अभिनय किया और कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी कीं. फिल्म निर्देशक मनमोहन देसाई ने एक बार उनके लिए कहा था कि मैं अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म मर्द बना रहा था और मैं सोच रहा था कि उनके पिता का रोल कौन निभा सकता है? #मुझे लगा कि अगर मैं अमिताभ को मर्द की भूमिका में ले रहा हूं तो जाहिर है मर्द का बाप तो दारा सिंह ही होना चाहिए ..!

दारा सिंह मे बॉलीवुड के टॉप सितारों के साथ काम किया था! दारा सिंह ने कई बड़ी फिल्मों जैसे मेरा नाम जोकर, अजूबा, दिल्लगी, कल हो न हो और जब वी मेट जैसी फिल्मों में काम किया था. उन्होंने कई हिंदी और पंजाबी फिल्में बनाई जिसमें उन्होंने खुद मुख्य भूमिका निभाई थी!. 1980 और 90 के दशक में दारा सिंह ने टीवी का रूख किया था!. अपने समय के ऐतिहासिक सीरियल रामायण में हनुमान जी की भूमिका निभाकर वे घर-घर में पहचाने जाने लगे

खेल और सिनेमा के अलावा दारा सिंह ने राजनीति में भी हाथ आजमाया! #वे देश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया था !

दारा सिंह और किंग कोंग की कुश्ती कौन से सन में हुई थी?
किंग कॉन्ग और उनके बीच फाइट 12 दिसंबर, 1956 को हुई थी। 28 वर्षीय दारा की तूती बोल रही थी और इस बात से विश्व चैंपियन किंग काफी जलन की भावना रखता था।

क्या दारा सिंह असली पहलवान थे?
29 मई 1968 को बॉम्बे में लू थेज़ पर उनकी जीत ने उन्हें विश्व चैम्पियनशिप दिला दी। थेज़ के अनुसार, सिंह “एक प्रामाणिक पहलवान थे, बेहद प्रशिक्षित थे ” और उन्हें पहलवान से हारने में कोई समस्या नहीं थी। उनका आखिरी टूर्नामेंट, जहां उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की, जून 1983 में दिल्ली में आयोजित किया गया था।

विश्व का सर्वश्रेष्ठ पहलवान कौन था?
जिन्हें ‘गामा पहलवान’ के नाम से जाना जाता है। 23 दिसंबर, 1902 को 22 साल की उम्र में वह इसे अपने सीने तक उठाकर काफी दूर तक घूमे थे। वह अपने जीवन में अजेय रहे और उन्हें अब तक के सबसे महान पहलवान के रूप में माना जाता है। शोध से पता चलता है कि गामा केवल 5 फुट 7 इंच के थे और उनका वजन लगभग 250 पाउंड जो लगभग 115 किलोग्राम था।

दारा सिंह को किसका बेटा था?
दारा सिंह रन्धावा का जन्म 19 नवम्बर 1928 को अमृतसर (पंजाब) के गाँव धरमूचक में बलवन्त कौर और सूरत सिंह रन्धावा के यहाँ हुआ था।

दारा सिंह की पहली पत्नी कौन थी?
प्रद्युम्न सिंह रंधावा दारा सिंह की पहली पत्नी बचनो कौर के बेटे हैं. 12 अप्रैल 1946 को अमृतसर पंजाब में जन्मे प्रद्युम्न अपने पिता की तरह एक पहलवान बनना चाहते थे.

दारा सिंह ने कितनी कुश्ती लड़ी थी?
आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने 55 साल में 500 मैच लड़े और सभी जीते। वर्ष 1983 में उन्होंने अपना आखिरी कुश्ती मैच जीता और पेशेवर कुश्ती को अलविदा कह दिया। उस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उन्हें अपराजेय चैंपियन के खिताब से नवाजा था।

दारा सिंह ने कितनी फिल्मों में काम किया है?
दारा सिंह 17 साल की उम्र में ही बन गए थे पिता,
दारा सिंह ने अपना स्टूडियो भी शुरू किया जिसमें वो पंजाबी फिल्म बनाते थे। उन्होंने 7 पंजाबी फिल्मों को डायरेक्ट किया था। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया था।

दारा सिंह की मृत्यु क्यों हुई?
मुंबई स्थित आवास पर 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद दारा सिंह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल मुंबई में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें पांच दिनों तक कोई राहत नहीं मिली, 12 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया.

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