ॐ नमः शिवाय
भोले तेरी जटा से बहती है गंगा धारा,
सारे जगत के मालिक, तू है पिता हमारा ।
निर्बल का तू ही बल है, देता है तू सहारा
तेरे सिवा जहां में, कोई नहीं हमारा ॥
हे भोले तू है जैसा, वैसा न कोई होगा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा…
सुख चैन मांगते हैं, जन्मो के हम भिखारी,
हमपे दया तू करना, आए शरण तिहारी ।
तेरे द्वार पे पड़े हैं, सुनले अरज हमारी,
झोली हमारी भरदे, शिव शंकर भंडारी ॥
भव सागर से पार करे जो कोई नहीं है दूजा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा…
तुमको निहारते हैं, आखो में है निराशा,
विशवास है ये हमको पूरी करोगे आशा ।
बिगड़ी बना दो अपनी, दृष्टि दया की डालो,
भटके हुए हैं प्राणी, शिव जी हमे संभालो ॥
जब ते रहेंगे हर पल तुझको करते रहेंगे पूजा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा…