आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने
भगत बुलावे थाने आयां सरसी
लाल लगोटों हाथ में घोटो
सर पर छतर हजारी जी
लाल ध्वजा थारे मंड पर सोहे
घृत सिन्दूर छुवाव जी
ओ बाबा
घृत सिन्दूर छुवाव जी
लाखों नर नारी आवे आवे थारे बारणे
सबका कष्ट मिटायां सरसी
आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने
अंजनी माँ का पुत्र हो प्यारा
भक्तों का रखवाला जी
मन से ध्याये note लगाए
उनका कारज सारया जी
ओ बाबा
उनका कारज सारया जी
मंगल शनिचर बाबा मेलो लागे भारी
भगतां न हिवड़े लगायें सरसी
आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने
थां बीन माहरी कुन सुने लो
इ मनडे री बातडलि
दर्शन की ये प्यासी अँखियाँ
जोवे थारी बाटड़ली
ओ बाबा
जोवे थारी बाटड़ली
थे ही सुनौला और थाने ही सुनावालां
मनडा न धीरज बन्धायां सरसी
आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने
इब तो आवो दर्श दिखावो
क्यों इतना तरसाओ जी
लाल निरंजन भगतां री नैया
आकर पार लगाओ जी
ओ बाबा
आकर पार लगाओ जी
डुब ना जाए नैया बीच मझधार में
थाने ही पार लगायां सरसी
आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने