हर किसी का एक सपना होता है कि वह जीवन में कुछ बनें , और उसे पाने के लिए वह कड़ी मेहनत भी करते हैं। देखा जाए तो सपने देखना बहुत ज़रूरी भी होता है क्योंकि यही सही रास्ता चुनने में हमारी मदद करते हैं। इसके लिए कोई और ज़िम्मेवार नहीं होता। आप क्या बनना चाहते हो यह सम्पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करता है। कामयाब हो जाना और एक बेहतर इंसान बन पाना दोनों में बहुत फर्क होता है। इसलिए हमें क्या बनना है यह हम ही तय करते हैं।
एक बार की बात है। एक शहर में दो भाई रहते थे . उनमे से एक तो शहर का सबसे बड़ा व्यापारी था तो दूसरा एक नशेड़ी था जो अक्सर नशे की हालत में लोगों से मार -पीट आदि अनेक बुरे काम किया करता था। जब लोग इनके बारे में जानते तो बहुत आश्चर्य करते कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संताने हैं , दोनों को एक जैसी
ही शिक्षा प्राप्त हैं और बिलकुल एक जैसे ही माहौल में दोनों पले -बढे हैं। कुछ लोगों ने तो इस बात का पता लगाने का निश्चय किया और शाम को दोनों भाइयों के घर पहुंच गए।
घर के अन्दर जाते ही उन्हें नशे में धुत एक व्यक्ति दिखा , वे उसके पास गए और उससे पूछा , “ भाई तुम ऐसे क्यों हो ??..तुम बेवजह लोगों से लड़ाई -झगडा क्यों करते हो , नशे में धुत अपने बीवी -बच्चों को पीटते हो …आखिर ये सब करने की वजह क्या है ?”
“मेरे पिता ” , भाई ने उत्तर दिया .
“पिता !! ….वो कैसे ?” , लोगों ने पूछा
भाई बोला , “ मेरे पिता शराबी थे , वे अक्सर ही मेरी माँ और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे …भला तुम लोग मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हो …स्वाभाविक है कि मैं भी तो वैसा ही करूंगा।
फिर वे लोग दूसरे भाई के पास गए , वो अपने काम में व्यस्त था और थोड़ी देर बाद उनसे मिलने आया ,
“माफ़ कीजियेगा , मुझे आने में थोड़ी देर हो गयी .” भाई बोल , “ बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ? ”
लोगों ने इस भाई से भी वही प्रश्न किया , “ आप इतने सम्मानित बिजनेसमैन हैं , आपकी हर जगह पूछ है , सभी आपकी प्रशंसा करते हैं , आखिर आपकी इन उपलब्धियों की वजह क्या है ?”
“ मेरे पिता “, उत्तर आया .
लोगों ने आश्चर्य से पूछा , “ भला वो कैसे ?”
“मेरे पिता शराबी थे , नशे में वो हमें मारा- पीटा करते थे मैं ये सब चुप -चाप देखा करता था , और तभी मैंने यह निश्चय कर लिया था की मैं ऐसा बिलकुल नहीं बनूँगा। मैं एक कामयाब इंसान बनूँगा और मुझे तो एक सभ्य , सम्मानित और बड़ा आदमी बनना है , और मैं वही बना।
इसलिए हमें अपनी नाकामयाबी के लिए दुसरे को जिम्मेवार नहीं मानना चाहिए क्योंकि यह तो हम ही तय करते हैं कि हमें क्या बनना है।
ENGLISH TRANSLATE
Everyone has a dream to become something in life, and they work hard to achieve it. If seen, dreaming is also very important because these help us in choosing the right path. No one else is responsible for this. What you want to become depends entirely on you. There is a lot of difference between being successful and being a better person. Therefore, we decide what we want to become.
once upon a time. Two brothers lived in a city. One of them was the biggest businessman of the city and the other was an addict who often did many bad things like beating and beating people in the state of intoxication. When people know about them, they wonder why there is such a difference between the two, while both are children of the same parents, both of them are the same
They are educated and both grew up in the same environment. Some people decided to find out this and reached the house of both brothers in the evening.
As soon as he entered the house, he saw a drunk person, he went to him and asked him, “Brother, why are you like this ?? .. Why do you fight with people unnecessarily – drunkenly, your wife – the children Beating… what is the reason for doing all this? ”
“My father”, the brother replied.
“husband !! … .How are they? ” , People asked
The brother said, “My father was an alcoholic, he used to beat my mother and both of our brothers often … What else can you expect from me … Naturally I will do the same.
Then they went to another brother, he was busy with his work and after some time came to meet him,
“Sorry, I was a little late.” Brother say, “Tell me, how can I help you? ”
People asked the same question to this brother, “You are such a respected businessman, you are asked everywhere, everyone praises you, what is the reason for your achievements?”
“My father”, came the answer.
People asked in surprise, “How is that?”
“My father was an alcoholic, he used to beat us when drunk, I used to see all this silence, and then I decided that I would not be like that at all.” I will become a successful person and I have to become a decent, respected and big man, and I become the same.
That is why we should not hold each other responsible for our failures because it is we who decide what we want to become.