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प्रभू का पत्र [God’s Letter]

दोस्तो…………….हम अपने मित्रों और सग्गे सम्बन्धियों को तोह अक्सर ही सन्देश भेजते है। किन्तु आज हम आपको प्रभू के द्वारा लिखा गया एक ऐसा पत्र पढ़ के सुनाएंगे जो उन्होंने अपने एक भगत के लिए लिखा।

प्रभू लिखते हैं …

मेरे प्रिय…

जब तुम सुबह सो कर उठे तो मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा की शायद तुम मुझसे कुछ बात करोगे। किसी बात या घटना के लिये तुम मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम जल्दी से चाय पी कर तैयार होने लगे और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!

खैररररर

फिर मैंने सोचा कि तुम नहाने के बाद मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!

फिर जब तुम नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे…तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।

मैं तुम्हें बताना चाहता था कि अपने दिन का कुछ वक़्त मेरे लिए निकाल कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुम्हारे पास मेरे लिए वक़्त ही नहीं है।

एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
कुछ भी नहीं कर रहे थे और कुर्सी पर पूरे 10 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।

दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अभी भी दिन का काफी समय बाकी था । मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।

मेरा बहुत मन था कि मैं भी तुमसे कुछ बात करूँ

तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ…

तुम्हारी कुछ सुनूं…

तुम्हे कुछ सुनाऊँ।

तुम्हारा मार्गदर्शन करूँ ताकि तुम्हें कुछ समझ आए कि तुम इस धरती पर क्यों आए हो ,तुम्हारा असल मकसद क्या है और तुम किन कामों में उलझ कर रह गए हो। तुम्हें समय ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।

मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।

हर रोज़ मैं तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।
मुझसे बात करोगे। परन्तुउउउउ

पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।

खैर कोई बात नहीं…हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!

ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम…आस्था और विश्वास ही तो है।
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तुम्हारा ईश्वर…👣

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग को पढा पाते हो।

 

In English 

Friends .. We often send messages to our friends and relatives. But today we will read you a letter written by God which he wrote for one of his devotees.

Prabhu writes ….

tell me my love…
I was standing near your bed when Subas woke up. I thought maybe you would talk to me. You will thank me for anything or incident. But you quickly started getting ready after drinking tea and didn’t even look at me !!!

Well-meaning

Then I thought that you will remember me after taking bath. But you got caught up in the rage that what clothes you have to wear today !!!

Then when you were having breakfast and running from here to home to collect your office papers… I still thought that maybe now you will get my attention, but it did not happen.

Then when you caught the train to go to office, I understood that you will use this free time to talk to me, but you read the paper for a while and then started playing in your mobile and I remained standing.

I wanted to tell you that by taking some time out of your day for me, look, your work will start to get better, but you do not have time for me.

There was a chance when you
They were not doing anything and kept sitting on the chair for the whole 10 minutes, but even then you did not notice me.

While eating lunch you are here-
While looking there, I still thought that before eating food you would think about me for a moment, but it did not happen.

There was still a long time of day. I thought that maybe this will be our talk in the remaining time, but after reaching home, you got busy with everyday tasks. When he finished the work, you opened the TV and kept watching TV for hours. You lay in bed late at night.
You called your wife and children good night and slept silently under a bed sheet.

I wanted to talk to you too

Spend some time with you…

I want to hear something from you…

Can I tell you something?

Let me guide you so that you get some idea why you have come to this earth, what is your real purpose and what are you stuck in. You did not get any time and I was left dead.

I love you very much

Everyday i wait for you to take care of me and
Thank you for your small happiness.
Will you talk to me? But uuuu

But you come only when you want something. You come in a hurry and leave your demands before me, and the interesting thing is that in this process you do not even look at me. At that time your attention is also towards the people, and I keep waiting.

Well never mind… maybe you can remember me tomorrow !!!

I believe so and you
I believe After all, my second name is… faith and belief.
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Your God…

Many send messages to make friends happy. See how many people can read this message of thanks to God.

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