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माइकल की जिज्ञासा ने बनाया उसे महान वैज्ञानिकक

लंदन की एक बस्ती में एक अनाथ बच्चा रहता था। वह अखबार बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करता था। कुछ समय बाद उसे एक किताब की दुकान पर जिल्द चढ़ाने का काम मिल गया।

उस बालक को पढ़ने का बहुत शौक था। वह पुस्तकों पर जिल्द चढ़ाते समय महत्वपूर्ण बातें और जानकारियां अक्सर पढ़ता रहता था। एक दिन जिल्द चढ़ाते समय उसकी नजर एक विद्युत संबंधी लेख पर पड़ी।

उसने दुकान के मालिक से एक दिन के लिए वह पुस्तक मांग ली और रात भर में उस लेख के साथ ही पूरी पुस्तक भी पढ़ डाली। पुस्तक का उसके ऊपर गहरा असर पड़ा।
अब उस बालक की जिज्ञासा प्रयोग करने मेंबढ़ती गई और धीरे-धीरे वह अध्ययन एवं परीक्षण के लिए विद्युत संबंधी छोटी-मोटी चीजें इधर-उधर से जुटाने लगा।
बालक की इस बारे में रुचि देखकर एक ग्राहक उससे बहुत प्रभावित हुआ। वह खुद भी विज्ञान में गहरी दिलचस्पी रखता था। एक दिन वह बालक को अपने साथ भौतिकशास्त्र के प्रसिद्ध विद्वान डेवी का भाषण सुनाने ले गया।
बालक ने डेवी की बातें ध्यान से सुनीं और उन्हें नोट भी किया। इसके बाद बालक ने उनके भाषण की समीक्षा करते हुए अपने कुछ परामर्श लिखकर डेवी के पास भेज दिए।
डेवी को बालक की सलाह बहुत पसंद आई। उन्होंने उसे अपने यंत्र व्यवस्थित करने के लिए अपने पास रख लिया। बालक उनके साथ रहने लगा। वह उनके सहयोगी और नौकर दोनों की भूमिका निभाता रहा। वह दिन भर कामों में व्यस्त रहता, रात को अध्ययन करता।
थकान होने पर भी उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं आती थी। वह भौतिकी के क्षेत्र में खासकर विद्युत के क्षेत्र में बहुत कुछ करना चाहता था।
आखिरकार अपनी मेहनत और संकल्प से उसने अपना सपना पूरा किया। वह एक महान वैज्ञानिक बन गया। आज दुनिया उस बालक को ‘माइकल फैराडे’ के नाम से जानती है।
In English

An orphan child lived in a settlement in London. He used to live a life by selling newspapers. After some time, he got the work of dubbing at a bookstore.

That boy was very fond of reading. He used to read important things and information frequently during bookbinding. One day while interfering, he looked at an electrical article.

She asked the owner of the shop for a day and read the whole book along with that article overnight. The book had a deep impact on him.
Now the child’s curiosity grew in experimentation and gradually he started collecting small things of electricity for study and testing.
A customer was impressed by the customer’s interest in seeing this. He himself was deeply interested in science. One day he took the boy with him to tell the famous scholar Davy’s speech.
The child listened carefully to Dewey and even made notes to him. After this, the child reviewed his speeches and sent some advice to Davey.
Davey liked the advice of the child They kept it with him to arrange his machine. The child lived with them He continued to play the role of both his colleague and his servant. He was busy working for the whole day, studying at night.
Even after fatigue, the wrinkle on his face could not be reached. He wanted to do a lot in the field of physics, especially in the field of electricity.
After all, he completed his dream with his hard work and determination. He became a great scientist. Today the world knows that child as ‘Michael Faraday’.

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