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आ के देखो इक बार


कितनो की बिगड़ी है बनती आ के देखो इक बार,
सूखे में नाव कैसे चलती आ के देखो इक बार,

हारो को मिलता सहारा आ के देखो इक बार,
कितनो को इस ने उभारा आ के देखो इक बार,

उजले जो धागे सुल्ज ते आके देखो इक बार,
बिगड़े रिश्ते जो सवर ते आ के देखो इक बार,
कितनो की बिगड़ी है बनती ……..


मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,
मन में रखना विश्वाश संवारा जरुर आएगा,
मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,

डोले नैया तेरी हाथो में न पतवार हो,
राहे अनजानी और गोर अन्धकार हो,
इसे अँधेरे में बन के प्रकाश,ये संवारा जरुर आएगा,
मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,

तेरी लाज नही जाने देगा इतना तू जानना,
कसोटी पे डटे रहना हार नही मान न,
सचे प्रेमी नही होते है निराश,ये संवारा जरुर आएगा,
मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,

मीरा पी गई थी प्याला इसी विश्वाश पे,
दर पे सुधामा आया बस इसी आस में,
है रजनी को भी एहसास ये संवारा जरुर आएगा,
मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,

जिसे थामे इक बार हाथ उसका न छोड़ा ता,
भगतो का श्याम भरोसा नही तोडा ता,
सोनू दिल में रखना आस,ये संवारा जरुर आएगा,
मत होना मन वनवारे उदास ये संवारा जरुर आएगा,

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