कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही
पूछे यशोदा कैसे चोरी है की नी,
छीके धरी मटकी को कैसी छीनी,
मेरो तो लाला वारो नैनं को तारो तारो
तेरे से ज्यादा है मेरो दही
आ रा सा रा पी गयो दही
टोली ग्वाल बालो की संग में ले आवे,
आधो है खावे और आधो गिरावे
छिके पे धर के हेठ बाँध करके मटकी में देखो ये मारे छड़ी
आ रा सा रा पी गयो दही
इक दिन गए श्याम गोपी के घर को,
चोरी करते पकड़े गए गोपी के घर सो
गोपी सो केह रहे आंसू है बेह रहे
चोरी न करू मेरी मानो कही
आ रा सा रा पी गयो दही…………..