आ श्याम शरण में प्यारे, आ श्याम शरण में प्यारे
फसा क्यूँ दुनिया की, फसा क्यूँ दुनिया की उलझन में
झूठी ये दुनियादारी मतलब की है सब यारी
यहाँ सब धोखे है जीवन में
मेरे श्याम का सच्चा द्वारा, हारे का बने सहारा
तेरे दुख दर्द मिटे, तेरे दुख दर्द मिटे एक छण में
मेरे श्याम से क्या शर्माना, सब दिल का हाल बताना
बोलना खुलकर के, बोलना खुलकर के जो है मन में
करै भीम सैन मत देरी , हर बात सुनेगा तेरी
झुकाले सिर को तू, झुकाले सिर को तू चरणन में………..
तुम बिन सांवरिया दिल न लगे रे
दिल दिल लुटा है चित चोर
खावो में भी न चैना मिले रे दिल लुटा है तूने चित चोर
देखा तुझे तो हो गई वन्वारियां खाबो में तेरे खो गई सांवरियां
तुमरे मिलन को व्याकुल हुई रे दिल लुटा है तूने चित चोर
तुम बिन सांवरिया दिल न लगे रे
तुम्हरी गली में दिल मोरा अटका
यही कही पर मन मोरा भटका
मुड मुड़ के देखू तू न दिखे रे
दिल लुटा है तूने चित चोर
तुम बिन सांवरिया दिल न लगे रे
छिप छिप के मुरली यु न बजाओ
दूर खड़े यु न मुश्काओ
मुरली बजाके यु मुस्का के
दिल लुटा है तूने चित चोर
तुम बिन सांवरिया दिल न लगे रे
तुम को पुकारे आओ संवरिया,
हम को भी दिल से लगाओ सांवरियां
देखे शिवम् यु तुम को ही प्यारे
दिल लुटा है तूने चित चोर
तुम बिन सांवरिया दिल न लगे रे……