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आया रे मुरलीवाला आया रे

आया आया आया रे मुरलीवाला आया रे
लिया कान्हा ने अवतार कांपा कंस का दरबार
चाले होगी सब बेकार सोगे सोगे  पेहरे दार
लाया लाया रे ढेरो खुशिया लाया रे
आया आया आया रे बंसी वाला आया रे

टूट गए सब ताले टूटी बेड़ियाँ हथ कड़ियाँ,
खुशी मनाये अम्बर लागे सावन की फूल झड़ियाँ
तेज बड़ी नदिया की धार दिया पग यमुना में डार
मिट गए तब सारे मझधार वासुदेव तर गे पार
भाया भाया रे तू सब के मन को भाया रे
आया आया आया रे मुरलीवाला आया रे

माखन चोर नन्द किशोर गिरधर श्याम कहाए
यमुना के तट सखियाँ के संग लीला अजब रचाए
वो तो होता भव से पार जिसको नाम तेरा आधार
आया दीप तेरे द्वार सुन ले भगतो की पुकार
माया माया माया रे अजब है तेरी माया रे
आया आया आया रे मुरलीवाला आया रे………..

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