अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
गूंजे मधुमय नाम की
ध्वनि नाभि के धाम
ह्रदय मस्तक कमल में
राम राम श्री राम ॥
मुझे भरोसा राम का
रहे सदा सब काल
दीनबन्धु वह देव है
हितकर दीन दयाल ॥
पकड़ शरण अब राम की
सुदृढ निश्चय साथ
तज कर चिंता मैं फिरूँ
पा कर उत्तम नाथ ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
राम राम राम राम ….
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा
मधुर महारस नाम पान कर,
मुदित हुआ मन मेरा ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
दीपक नाम जगा जब भीतर,
मिटा अज्ञान अन्धेरा ॥
निशा निराशा दूर हुई सब,
आया शांत सबेरा ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
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