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अपनी नियामतें

apanee niyaamaten
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आपने लोगों को कहते सुना होगा कि अपनी नियामतें गिनो! जब आप कृतज्ञ होने के लिए चीजें खोजते हैं, तो दरअसल आप बिल्कुल यही कर रहे होते हैं। लेकिन हो सकता है आपको यह अहसास न हो कि अपनी नियामतें गिनना एक बहुत ही शक्तिशाली अभ्यास है, जिससे आपका पूरा जीवन जादुई ढंग से बदल जाएगा! जब आप अपने पास मौजूद चीजों के लिए कृतज्ञ होते हैं, तो चाहे वे कितनी भी छोटी क्यों न हों, आप उन्हें तुरंत बढ़ता हुआ देखेंगे। यदि आप उस धन के लिए कृतज्ञ हैं, जो आपके पास है, चाहे वह कितना भी कम क्यों न हो, तो आप देखेंगे कि आपका धन जादुई ढंग से बढ़ रहा है। यदि आप किसी संबंध के लिए कृतज्ञ हैं, भले ही वह आदर्श न हो, तो आप उसे चमत्कारिक अदांज में बेहतर होते देखेंगे। यदि आप अपनी वर्तमान नौकरी के लिए कृतज्ञ हैं, भले ही वह आपके सपनों की नौकरी न हो, तो परिस्थितियां इस तरह बदलने लगेंगी कि आपको नौकरी में अधिक आनंद आएगा और सभी तरह की प्रगति के अवसर अचानक प्रकट हो जाएंगे। इसका दूसरा पहलू यह है कि जब हम अपनी नियामतें नहीं हिनते हैं, तो हम अनजाने में ही नकारात्मक चीजों को गिनने के जाल में फंस सकते हैं। जब हम उन चीजों के बारे में बात करते हैं, जो हमारे पास नहीं हैं, तो हम निश्चित रुप से नकारात्मक चाजों को गिन रहे होते हैं। जब हम दूसरों की आलोचना करते हैं या उनमें दोष ढूंढ़ते हैं, जब हम ट्रैफिक, लाइन में इंतजार करने, देर होने, सरकार, पर्याप्त पैसा न होने या मौसम की शिकायत करते हैं। जब हम नकारात्मक चीजों को गिनते हैं, तो वे बढ़ भी जाती हैं, लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि हमारी गिनी हुई हर नकारात्मक चीज उन नियामतों गिनने और नकारात्मक चीजें गिनने दोनों को आजमाकर देखा है और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अपनी नियामतें गिनना ही जीवन में समृद्धि पाने का एकमात्र तरीका है। सुबह सबसे पहले या दिन में जितनी जल्दी हो सके, अपनी नियामतें गिनें। आप अपनी सूची हाथ से लिख सकते हैं, इसे कंप्यूटर पर टाइप कर सकते हैं या किसी खास तरह की पुस्तिका या जर्नल का इस्तमाल कर सकते हैं, ताकि कृतज्ञ होने के सारे कारण एक ही जगह आ जाएं। आज अपने जीवन की उन दस नियामतों की सरल सूची बनाएंगे, जिनके लिए आप कृतज्ञ हैं। जब आईंस्टाइन ने धन्यवाद दिया था, तो उन्होंने यह सोचा था कि वे क्यों कृतज्ञ हैं ? जब आप किसी खास चीज, व्यक्ति या स्थिति के लिए क्यों कृतज्ञ हैं, इस बारे में सोचेंगे तो आप कृतज्ञता को अधिक गहराई से महसूस करेंगे। याद रखें, कृतज्ञता का जादू आपकी भावना की प्रहलता के अनुरूप होता है ! इसलिए अपनी सूची की हर चीज के सामने कारण अवश्य लिखें कि आप उसके लिए क्यों कृतज्ञ हैं। अपनी दस नियामतों की सूची बनाने के बाद हर नियामत को पढ़ें, या तो मन ही मन या फिर जोर से। जब आप हर नियामत के अंत में पहुंचें, तो जादुई शब्द धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद को तीन बार दोहराएं और उस नियामत की कृतज्ञता को अधिक से अधिक महसूस करें। अधिक कृतज्ञता महसूस करने के लिए आप सृष्टि, ईश्वर, परमात्मा, अच्छाई, जीवन, आपके उच्चतर स्वरुप या जो भी अवधारा आपको आकर्षित करती हो, उसकी प्रति कृतज्ञ हो सकते हैं। जब आप किसी चीज या व्यक्ति की ओर कृतज्ञता को निर्देशित करते हैं, तो आप इसे और अधिक महसूस करते हैं। इस तरह आपकी कृतज्ञता की शक्ति बढ़ जाएगी तथा यह और अधिक जादू करेगी! इसी वजह से प्राचीन संस्कृतियों ने सूर्य जैसे प्रती कों को चुना, ताकि कृतज्ञता उनकी दिशा में भेजी जा सकें। वे सारी अच्छाई के सर्नव्यापी स्त्रोत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भौतिक प्रतीक का इस्तेमाल कर रहे थे और उस प्रतीक पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक कृतज्ञता महसूस कर रहे थे। अपनी नियामतें गिनने का अभ्यास आपके पूरे जीवन के बदल देगा। यह इतना सरल और शक्तिशाली है कि मैं चाहता हूं कि आप अगले 27 दिनों तक अपनी सूची में हर दिन दस नई नियामतें जोड़ते चले जाएं। हांलाकि आपको लग सकता है कि हर दिन कृतज्ञता के लिए दस चीजें खोजना मुश्किल होगा, लेकिन आप इस पर जितना अधिक सोचेंगे, आपको उतना ही अधिक अहसास होगा कि आपके पास कृतज्ञ होने के लिए कितनी सारी चीजें हैं। अपने जीवन को गौर से देखें; आपने हर दिन इतना अधिक पाया है और पा रहे हैं। धन्यवाद देने के लिए कितना कुछ है ! आप अपने घर, परिवार, मित्रों, कामकाज और पालतू पशुओं के लिए कृतज्ञ हो सकते हैं। आप सूरज के लिए कृतज्ञ हो सकते हैं, जिसकी धूप आप सेकते हैं। उस पानी के लिए, जो आप पीते हैं। उस भोजन के लिए, जो आप खाते हैं। उस हवा के लिए, जिसमें आप सांस लेते हैं। इनमें से किसी के बिना भी आप जीवित नहीं होते। आप वृक्षों, पशुओं, समुद्रों, पक्षियों, फूलों, पौधों, नीले आसमान, वर्षा, तारों, चाद्रमा और हमारे सुंदर ग्रह पृथ्वी के लिए कृतज्ञ हो सकते हैं। आप अपनी इंद्रियों के लिए कृतज्ञ हो सकते हैं ः जिन आंखों से आप देखते हैं, जिन कानों से आप सुनते हैं, जिस जीभ से आप स्वाद लेते हैं, जिस नाक से आप गंध लेते हैं और जो त्वचा आपको महसूस करने में समर्थ बनाती है। आप उन पैरों के लिए कृतज्ञ हो सकते हैं, जिनके सहारे आप चलते हैं; अपने हाथों के लिए, जिनकी मदद से आप लगभग हर काम करते हैं; अपनी आवाज के लिए, जो आपको स्वयं को अभिव्यक्त करने तथा दूसरों से संवाद करने में समर्थ बनाती है। आप अपने अद्भूत प्रतिरक्षा तंत्र के लिए धन्यवाद दे सकते हैं, जो आपको स्वस्थ रखता है और अपने सभी अंगों के लिए, जो आपके शरीर में जीवन को बनाए रखने के लिए काम करते हैं। और आपके मानव मस्तिष्क की भव्यता का क्या कहना, जिसकी बराबरी संसार की कोई भी कंप्यूटर टेक्नोलॉजी नहीं कर सकती? अपनी नियामतें गिनने के बाद हर बार आपको बेहतर और ज्यादा खुशी महसूस होनी चाहिए। आप कितना अच्छा महसूस करते हैं, यही इस बात का पैमाना है कि आपने कितनी कृतज्ञता महसूस की थी। आपने जितनी अधिक कृतज्ञता महसूस की होगी,आप उतनी ही ज्यादा खुशी महसूस करेंगे और आपका जीवन उतनी ही तेजी से बदलेगा। कई दिन ऐसे होंगे कि आप तत्काल खुशी महसूस करेंगे और बाकी दिन संभवतः उनमें थोड़ा अधिक समय लगेगा। लेकिन जब आप हर दिन अपनी नियामतें गिनना जारी रखते हैं, तो आप अपने अहसास में बहुत बड़ा फर्क महसूस करेंगे। आप अपनी नियामतों को जादू से कई गुना होता हुआ देखेंगे!

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