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बात बता दे ओ कान्हा

आगे पीछे घूम रहा क्यों बात बता दे ओ कान्हा
टुकर टुकर मुझे देख रहा क्यों साफ बता दे ओ कान्हा रे,

तेरे घर में भंडारे है कान्हा माखन क्यों मांगे है कान्हा
मुझसे माखन मांग रहा क्यों राज बता दे  ओ कान्हा रे,

भले ही तूने कंस को मारा फिर क्यों इतरावे ओ कान्हा
मैं हु गोरी तू है काला मोपे डोरे डाले क्यों कान्हा

जानू तेरी बदमाशी सारी क्यों बात बनावे ओ कान्हा
क्या तू छुपा पे अपने मन  में मुझे आज बता दे ओ कान्हा


तुम्हें छोड़ सुन नन्द दुलारे
कोई न मीत हमारो ॥
किस्के दुआरे जाएँ पुकारूँ
और न कोई सहारो ॥
अब तो आके बाँह पकड़ लो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे,ओ मेरे प्रीतम…

तेरे कारण सब जग छोड़ा,
तुम संग नाता जोड़ा…
एक बार प्रभु बस ये कहदो,
तू मेरा में तेरा …
साँची प्रीत कि रीत निबादो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम

दास कि बिनती सुनलीजो,
ओ व्रिज राज दुलारे॥
आखरी आस यही जीवन कि,
पूरण करना प्यारे॥
एक बार हृदय से लगालो, ओ मेरे प्रीतम -2
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम….

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