बंगला चाहिए न मुझको गाडी चाहिए
मेंहंगा वाला सूट ना ही साडी चाहिए
पूछो तो सही मुझको क्या चाहिए
राधा संग श्याम छवि प्यारी चाहिए
मुझको मेरे बांके बिहारी चाहिए
बंगला चाहिए न मुझको गाडी चाहिए
जमाने ने मुझको दिए गम हजार रोता रहा पर न मिल पाया प्यार
चोकठ पे तेरी मैं अब आ गया
लगता है जैसे मुकाम आ गया
दीन हु मैं बड़ा देर न लगाइए
मुझको मेरे बांके बिहारी चाहिए
बंगला चाहिए न मुझको गाडी चाहिए
मुरली अधर काँधे कमली पड़ी
राधा तुम्हारे है संग में खड़ी कंन कंन में
ब्रिज के तेरा बास है दर्शन की दिल में जगी प्यास है
जोशी है नादान इसको भी स्मजाईये
मुझको मेरे बांके बिहारी चाहिए
बंगला चाहिए न मुझको गाडी चाहिए…………..