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बनू दास जनम जनम तक यो ही आयो मांग ने


बनू दास जनम जनम तक यो ही आयो मांग ने
मैया थारे आगने,

मंगल गाऊ घर घर जा कर था सु मिलयो उपकार
दे के सेवा ही जन्म में बहुत कियो उपकार
मौज उडावा मैं तो दादी थारे कारने
मैया थारे आगने,

मानव तन जो पाऊ फिर से मंगल मैं गाऊ
पंशी जीवन म्हाने देयो यो जो ही मैं चाहू
बन के मोरी यो मैं नाचू मंदिरे रे बाहर रे
मैया थारे आगने,

चाहे बना ले श्याम ने दादी निज चरना री धुल
चरण चाकरी करने में मा सु हॉवे न कदे भूल,
म्हारे भी तारो मैया बैठ्या सब ने तारने
मैया थारे आगने………..


तुम्हें छोड़ सुन नन्द दुलारे
कोई न मीत हमारो ॥
किस्के दुआरे जाएँ पुकारूँ
और न कोई सहारो ॥
अब तो आके बाँह पकड़ लो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे,ओ मेरे प्रीतम…

तेरे कारण सब जग छोड़ा,
तुम संग नाता जोड़ा…
एक बार प्रभु बस ये कहदो,
तू मेरा में तेरा …
साँची प्रीत कि रीत निबादो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम….

दास कि बिनती सुनलीजो,
ओ व्रिज राज दुलारे॥
आखरी आस यही जीवन कि,
पूरण करना प्यारे॥
एक बार हृदय से लगालो, ओ मेरे प्रीतम -2
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम…….

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