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बापू ने कहा था, हानिकारक लोगों को देनी चाहिए यह सीख!

Mahatma Gandhi's
Mahatma Gandhi’s

गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में लड़कियां भी रहती थीं। एक दिन की बात है कुछ लड़कियां कहीं से लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लड़के उनको छेड़ने लगे। लड़कियां इस घटना से घबरा गईं और दौड़ते हुए आश्रम पहुंचीं।

उन्होंने सारी घटना का जिक्र बापू से किया। बापू बोल, ‘तुम लोग भाग क्यों आईं?’ हिम्मत से वहीं ठहरना था। तब एक लड़की बोली, ‘अगर लड़के हमारी बेइज्जती करते तब?’ बापू बोले, ‘तो उनको वहां सबक सिखाना चाहिए था।’ यह सुनकर सभी लड़कियां हैरान हो गईं। क्योंकि बापू तो हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख देते थे।

बापू, लड़कियों के चेहरे पर पड़ी असमंजस के शिकन को समझ गए और फिर बोले, ‘अहिंसा बहादुरों का हथियार है। यह कोई नहीं समझता। अहिंसा के परदे में अपनी कमजोरी नहीं छिपानी चाहिए। यह कायरता है। तुम लोगों को समाज में पनप रहे ऐसे हानिकारक लोगों को सबक सिखाना चाहिए था। यूं नहीं आना चाहिए था।’

Hindi to English

There were girls in Mahatma Gandhi’s Sabarmati Ashram in Gujarat. It is a matter of a day that some girls were returning from somewhere. Some of the boys started teasing him on the way. The girls were scared of this incident and reached the ashram running.

He mentioned the incident to Bapu. Bapu said, ‘Why did you guys come out?’ There was to be the courage to stay there. Then a girl said, ‘If the boys do our insult?’ Bapu said, ‘then he should have taught them a lesson there.’ All the girls were shocked to hear this. Because Bapu always taught to follow the path of non-violence.

Bapu understood the wrinkle on the faces of the girls, and then said, ‘Ahimsa is the weapon of brave. Nobody understands it Nonviolence should not hide its weakness in the screen. It’s funky. You should have taught the people a lesson to such harmful people who flourished in society. Should not have come. ‘

 

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