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बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ बंसरी वाला


मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नि माँ बंसरी वाला
बंसरी वाला मुरली वाला
बंसरी वाला मुरली वाला
भगता दे मन वसदा नी माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नि माँ बंसरी वाला…….

श्याम जी दे पैरा विच सोने दिया झांझरा
ठुमक ठुमक पग धारदा नी माँ बंसरी वाला
बंसरी वाला मुरली वाला
मुरली वाला कमली वाला
ओह ते भेद दिला दे दसदा नि माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….

जिथे हॉवे कथा कीर्तन
कथा कीर्तन कथा कीर्तन
ओथे ओह ना ह्त्दा नी माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….

जिथे हॉवे निंदिया चुगली
निंदिया चुगली निंदिया चुगली
ओथे पैर नी पाउंदा नी माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….

नन्द बाबा दे नो लाख गाऊ आ
नो लख गाउआ नो लख गाऊआ
अजे वी चोरिया करदा नि माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….  

श्याम जी दे हथा विच निक्की जही मुरली
निक्की जेही मुरली सोहनी जेही मुरली
मुरली औन वजाउंदा नी माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….  

श्याम जी दे कना विच फुला दे कुंडल
फुला दे कुंडल फुला दे कुंडल
कुंडल औन हिलाउन्दा नी माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ……….  

श्याम जी दे मथे उते लाला टिपारा,
लाल टिपारा लगदा ऐ प्यारा
ओह सोहना रूप दिखाउन्दा नि माँ बंसरी वाला
मेनू बड़ा ही प्यारा लगदा नी माँ ………. 

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