भजन में रंग बरसे, रंग बरसे।
प्रभु जी मेरे कान हुये हैं बेकार
भजन सुनने मन तरसे मन तरसे
भक्त मैंने कान दिए अनमोल
भजन सुनो मन भर के|
प्रभु जी मेरी आँख हुई हैं बेकार
दरशन को करने मन तरसे
भक्त मैंने आँख दई हैं अनमोल
दरशन तो करो मन भर के
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे।
प्रभु जी मेरी जीवह्य हुई है बेकार
भजन करने मन तरसे
भक्त मैंने जीवह्य दई है अनमोल
भजन करो मन भर के।
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे।
प्रभु जी मेरे हाथ हुए हैं बेकार
माला तो जपने मन तरसे
सेवा तो करने मन तरसे
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे।
प्रभु जी मेरे पैर हुए हैं बेकार
परिकम्मा करने मन तरसे
तीरथ को करने मन तरसे
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे।
प्रभु जी मेरी काया हुई है बेकार
गंगा को नहाने मन तरसे
दो गोता लगाने मन तरसे।
भजन में रंग बरसे, रंग बरसे…………..