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स्कूल की दोस्ती!!

नरेंद्र बिहार के एक छोटे से गांव के सर्वोदय विद्यालय में पढता था। दरअसल नरेंद्र का परिवार दिल्ली शहर का था, क्यों की नरेंद्र के पिता भारतीय सेना में थे इसलिए दो साल पहले ही उसके पिताजी का उस गांव में बदली हुई थी। नरेंद्र पढ़ाई और खेल में बहुत अच्छा था, इसलिए वह उस गांव के विद्यालय में बहुत …

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सच बोलने का परिणाम!!

करीब 900 साल पुरानी बात है। ईरान में एक छोटा सा गांव था ‘जीलान’। वहां सैयद अब्दुल कादिर नामक एक लड़का रहता था। उसके पिता बचपन में ही गुजर गए थे। माँ ने ही उसका पालन पोषण किया। कादिर की बड़ी इच्छा थी कि वह खूब पढ़े लिखे और विद्वान बने। चूंकि जीलान एक छोटी जगह थी इसलिए वहां पढ़ाई …

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कर भला तो हो भला !!

बहुत समय पहले अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया के देशों में गुलामी की प्रथा थी। गुलामों के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता था। एथेंस शहर में एक बहुत धनी जमींदार रहता था। उसके यहां बहुत से गुलाम थे। लेकिन वह गुलामों से बहुत क्रूरता से पेश आता था। उन्हें ठीक से भोजन भी नहीं देता था। इसके अलावा …

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दर्पण की सीख!!

बहुत समय पहले की बात है। कोशल देश में सुवर्ण ऋषि का गुरुकुल था। अपनी उच्चकोटिकी शिक्षा के लिए यह गुरुकुल पूरे आर्यावर्त में प्रसिद्ध था। जिसमें पढ़ने के लिए दूर दूर से विद्यार्थी आते थे। इन्हीं विद्यार्थियों में नकुल नाम का एक लड़का था। वह अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और लगन के लिए पूरे गुरुकुल में प्रसिद्ध था। सुवर्ण ऋषि …

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बुजुर्गों का महत्व!!

बहुत पुरानी बात है। सुंदरगढ़ नामक एक राज्य था। जिसका राजा सुमंत बहुत धनलोलुप था।वह हमेशा यही विचार किया करता था कि किस प्रकार उसका राज्य सबसे धनवान बने।इसके लिए वह नए नए तरीके सोचा करता था। नए नए नियम लागू करता रहता था। उसकी प्रजा भी उससे परेशान रहती थी। एक दिन उसने सोचा कि ये बुजुर्ग लोग उसके …

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प्रतिभा की पहचान!!

यूनान के थ्रेस शहर में एक गरीब लड़का था। जो लकड़ियां बेच कर अपना पेट पालता था। वह प्रतिदिन जंगल से लकड़ियां काट कर लाता। उनका गठ्ठर बनाता, फिर उन्हें बाजार लेकर जाता। वहां गठ्ठर बेचकर जो भी मिलता उससे वह अपना पेट पालता। लड़के की खूबी यह थी कि वह जो भी काम करता बहुत लगन और एकाग्रता से …

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खुशियां बांटो, खुश रहो!!

एक नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत कंजूस था। धन के प्रति उसका मोह इतना अधिक था कि वह एक पैसा भी खर्च नहीं करना चाहता था। प्रचुर मात्रा में धन होते हुए भी वह निर्धनों की तरह जीवन व्यतीत करता था।  उसका परिवार भी उसकी कंजूसी की आदत से दुखी रहता था। घर में सब कुछ होते …

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गरीबों की मदद

पुराने समय की बात है। यूनान के किसी गांव में तीन भाई रहते थे। तीनों बहुत महत्वाकांक्षी थे। गांव में आय के साधन सीमित थे। उनके पास थोड़ी सी खेती थी। जिससे वे अपना जीवन यापन करते थे। किंतु तीनों भाई वैभवशाली और समृद्ध जीवन जीना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एथेंस शहर जाकर कुछ बड़ा काम करने का निश्चय किया। …

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इच्छाओं का बंधन!!

एक बार एक सूफी संत अपने शिष्यों के साथ बाजार से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति एक गाय की रस्सी पकड़े चला जा रहा है। उन्होंने उसको रोक लिया और अपने शिष्यों से पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बंधा है? शिष्यों ने तुरंत उत्तर दिया कि गाय बंधी है इस आदमी के साथ। यह जहां चाहे …

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बुद्धू मोहनदास (गांधीजी)

मोहनदास की उम्र उस समय तेरह वर्ष थी। वे राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में पहले साल के छात्र थे। एक दिन शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर स्कूल में निरीक्षण के लिए आये। उन्होंने छात्रों को अंग्रेजी में पांच शब्द लिखने को दिए। उनमें से एक शब्द था ‘केटल’। जिसकी स्पेलिंग मोहनदास ने गलत लिखी थी। अध्यापक ने देखा तो उन्होंने …

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