blog
बंशी बजा के मेरी निंदिया उड़ाई
बंशी बजा के मेरी निंदिया उड़ाईसांवला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाईकुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारीकहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी आँख मिचौली काहे खेले तू कान्हापलके बिछाए बैठी तेरी राधाकास में तेरी बन जाती बंसुरियाअधरों से तेरे लग जाती में सांवरियानैना निहारे पन्थ आओ मुरारीकहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी याद जो आये मोहे पल महारास केथिरके पायलिया मृदंग ताल पेजितनी …
Read More »