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माल दौलत की हसरत नहीं

माल दौलत की हसरत नहीं,और नही मुझको धन चाहिए,मौत शिर्डी में आये मुझे साईं जी ये वचन चाहिए जब मुसीबत का हो समाना साईं उस दम मुझे थामनाकष्ट संकट की जब हो घड़ी,आप की ही शरण चाहिए फूल कलियों ने मांगी दुआ ये तमना है परमात्मा,एह प्रभु जिस घड़ी हम खिले हम को शिर्डी चमन चाहिए जिस घड़ी अंत होगा …

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चन्दन का है पलना रेशम की है डोर

चन्दन का है पलना रेशम की है डोर,वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर, देख यशोदा मैया मन ही मन फुलेआज कन्हिया मेरा पलना में झूलेआज ख़ुशी छाई है गोकुल में चारो औरवृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर, थप के सुलाए मैया जपक के आंचल,माथे पर टीका सोहे आँखों में काजलसखिया देवे वधाईया यशोदा के कर जोरवृंदावन में झुला …

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मांगनिया ने कदे भी नटे न संवारो

मांगनिया ने कदे भी नटे न संवारोमेहनत की कमाई सब ने देवे संवारो काम करने से पेहलेया थाणे ही मनावाशीश जुकावा थारे धोक लगावाकाम हमारा सफल बनावे सांवरो,मांगनिया ने कदे भी नटे न संवारो सांचो दरबार म्हारो संवारे लगावेसाँची सरकार म्हारो संवारो चलावेसब को ही हिसाब चुकावे संवारोमेहनत की कमाई सब ने देवे संवारो सब भगता को म्हारो श्याम रुखालोचुगो …

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ओ सुन मेरे लड्डू गोपाला

ओ सुन मेरे लड्डू गोपाला मैया से बाते कर लेप्राणों से प्यारा लाला मैया से बाते कर लेसुन मेरे लड्डू गोपाला मैया से बाते कर ले गंगा जल से मैं नेह्लाऊ माखन मिश्री तने खिलाऊ,केसारिया दूध का पी प्यालामैया से बाते कर लेसुन मेरे लड्डू गोपाला मैया से बाते कर ले नये नये वस्त्रो को पहनाऊ सोला शिंगारो से सजाऊ,लगाऊ …

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मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो

मेरे श्याम पे तुम विस्वाश करोविशवाश कभी न हारा हैभगवान् तो हारते देखा है पर भगत कभी न हारा है नरसी ने भरोसे के दम पर सब राजसी भेभ्व छोड़ा थामीरा ने नारायण की खातिर हरी नाम से नाता जोड़ा थाभगतो के लिए बीत जाते प्रभु इतहास गवाह ये सारा हैमेरे श्याम पे तुम विस्वाश करो विस्वाश की डगर कठिन …

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संत शरण में लाग रे तेरी आछी बनेगी

संत शरण में लाग रे तेरी आछी बनेगीध्रुव ने बनाई बात गज ने बनाई, अजामिल के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीशबरी बनाई बात अहिल्या बनाई, केवट के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीविदुर ने बनाई बात द्रोपदी बनाई, कुन्ती के जागे भाग रे तेरी आछी बनेगीसाधु ने बनाई बात, सन्तौ ने बनाई, तू भी जगाले अपनें भाग रे तेरी …

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ब्रह्मविद्या का ज्ञान

सतयुग में महर्षि दध्यंग आथर्वण अग्रणी ब्रह्मवेत्ता के रूप में विख्यात थे। देव शिरोमणि इंद्र उनकी ख्याति सुनकर एक दिन उनके आश्रम में पहुँचे। इंद्र ने कहा, ‘महर्षि, मेरी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मुझे वरदान देने का वचन दें। महर्षि आतिथ्य स्वीकार को बहुत महत्त्व देते थे, अतः उन्होंने वचन देकर उनसे बैठने को कहा। महर्षि ने पूछा, ‘अतिथिवर, …

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एह दो जहान के मालिक मेरी खता बता दे

एह दो जहान के मालिक मेरी खता बता देचरणों से दूर कान्हा तूने क्यों किया बता देएह दो जहान के मालिक मेरी खता बता दे जीने को जी रहा हुलेकिन मजा नही हैतुमसे जो दूरिया है क्या ये सजा नही हैमुझे थाम ले दयालु ये फांसले मिटा देएह दो जहान के मालिक मेरी खता बता दे दुनिया की दोलतो की …

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दर्द जुदाई तेरा मुश्किल है सेहना

दर्द जुदाई तेरा मुश्किल है सेहना,ऊधो संदेसा मेरा कान्हा से केहना,दर्द जुदाई तेरा मुश्किल है सेहना, तेरे विरहा में हुई राधा दीवानीनिस दिन बरसता है आँखों से पानीबंद नही होता नीर नैनो से बेहन,दर्द जुदाई तेरा मुश्किल है सेहना, आया ना छलिया तो बात मेरी मान रे,याद में तडप के मैं तो दे दूंगी जान रे,मुशकिल है राधा का अब …

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थारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार

हार गयो जी मैं तो विनती कर केपड़ी नही कान्हा भंकार सुनियो जी माहरा लखदातारथारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार मैं दुखिया चैन न घडी कोथे तो जानो सारी सार  सुनियो जी माहरा लखदातारथारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार या से आ भी नाही छानी,छे नही माहरो और आधार सुनियो जी माहरा लखदातारथारी कांई छः मंशा …

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