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सिकंदर के गुरु थे अरस्तु, दी थीं ये अमिट सीख

सिकंदर के गुरु थे अरस्तु, दी थीं ये अमिट सीख

सिकंदर के गुरु थे अरस्तु, दी थीं ये अमिट सीख अरस्तु की गिनती अपने समय के महान दार्शनिकों में होती है। वह सिकंदर के गुरु थे। अरस्तु ने करीब 400 किताबे लिखीं हैं जो विभिन्न विषयों जैसे कि भौतिकी, नाटक, संगीत,तर्कशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, जीव विज्ञान आदि पर आधारित हैं। अरस्तु के विचार काफी प्रभावशील थे। उनके विचारों में जीवन की सच्चाई …

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तीन अजब बातों का गजब चमत्कार

तीन अजब बातों का गजब चमत्कार

न्यायप्रिय राजा हरि सिंह बेहद बुद्धिमान था। वह प्रजा के हर सुख-दुख की चिंता अपने परिवार की तरह करता था। लेकिन कुछ दिनों से उसे स्वयं के कार्य से असंतुष्टि हो रही थी। उसने बहुत प्रयत्न किया कि वह अभिमान से दूर रहे पर वह इस समस्या का हल निकालने में असमर्थ था। एक दिन राजा जब राजगुरु प्रखरबुद्धि के …

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लोभी मनुष्य को स्वयं की तरह ही दिखाई देते हैं दूसरे लोग

greedy-people

बाबा अनंतराम हर समय लोगों की सेवा में जुटे रहते थे। उनके लाख मना करने पर भी लोग उन्हें खूब चढ़ावा चढ़ाया करते थे। बाबा उसे गरीबों में बांट देते थे। एक दिन एक सेठ ढेर सारे हीरे-मोती उनके चरणों में रखते हुए बोला- बाबा, मेरी ओर से यह भेंट स्वीकार करें। बाबा ने हीरे-मोतियों की ओर देखा तक नहीं …

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एक लाख आदमी मर जाएं तुम्हारे हाथ से गिराए बम से

hiroshima & Nagashaki

जिस आदमी ने हिरोशिमा पर ऐटम बम गिराया और एक ऐटम बम के द्वारा एक लाख आदमी दस मिनिट के भीतर राख हो गए, वह वापिस लौट कर सो गया। जब सुबह उससे पत्रकारों ने पूछा कि तुम रात सो सके? उसने कहा, क्यों? खूब गहरी नींद सोया! आज्ञा पूरी कर दी, बात खत्म हो गई। इससे मेरा लेना—देना ही …

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परम पूज्य श्री श्री स्वामीजी महाराजश्री

श्री श्री स्वामीजी महाराजश्री

परम पूज्य श्री श्री स्वामीजी महाराजश्री कह रहे हैं कि परमेश्वर हर युग में आकर मानव जाति को मार्ग दिखाते हैं । पावन , सच्चे , धर्म की स्थापना करते हैं और पाप व अधर्म का नाश करते हैं । गीता जी , ईश्वर की भक्ति को मुख्यतया देकर ज्ञान व प्रेम का संतुलन बनाती है । ज्ञान प्रेम में …

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अंतिम समय में नहीं करना चाहिए ये काम,लेकिन क्यों?

कहानीकार अर्नेस्ट हेमिंग्वे बचपन में बड़े हंसमुख स्वभाव के थे। पढ़ने-लिखने में तेज हेमिंग्वे को ईश्वर ने उन्हें गजब की कल्पना शक्ति दी थी। एक बार की बात है उनके शिक्षक ने बच्चों से कहानी लिखने को कहा। कहानी लिखने के लिए एक महीने का समय दिया। हेमिंग्वे ने सोचा, कहानी लिखने के लिए एक महीने की क्या जरूरत है। …

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विद्वान ने बच्चों को इसलिए दिए थे चार रत्न

विद्वान ने बच्चों को इसलिए दिए थे चार रत्न

एक विद्वान ने मरते समय अपने बच्चों को बुलाया और कहा- मैं तुम्हें चार-चार रत्न देकर मरना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि तुम इन्हें संभालकर रखोगे और इन रत्नों से अपना जीवन सुखी बनाओगे। पहला रत्न मैं क्षमा का देता हूं- तुम्हारे प्रति कोई कुछ भी कहे, तुम उसे भुलाते रहो। कभी उसके प्रतिकार का विचार अपने मन में न …

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नम्र बनो कठोर नहीं

नम्र बनो कठोर नहीं

एक चीनी संत थे। वह बहुत वृद्ध थे। उन्होंने देखा कि अंत समय निकट आ गया है, तो अपने सभी भक्तों और शिष्यों को अपने पास बुलाया। वह सभी से बोले, थोड़ा मेरे मुंह के अंदर तो देखो भाई? मेरे कितने दांत शेष हैं। प्रत्येक शिष्य ने मुंह के भीतर देखा और प्रत्येक ने कहा कि दांत तो कई वर्षों …

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गुस्सा सबसे बड़ा शत्रु क्यों ?????

गुस्सा सबसे बड़ा शत्रु क्यों

गुस्सा इंसान को अपनी भावना व्यक्त करने के तरीकों में से ही एक ऐसा तरीका है जिसमे लोग अपने डर, लालच , अहंकार , घमण्ड, बुराई ,दुर्व्यहार, ईर्ष्या, ईगो हार्ट, अपमान इत्यादि को व्यक्त करके अपने मन की भड़ास निकालते है

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हम कल के लिए आज नहीं सोचते

हम कल के लिए आज नहीं सोचते

एक नगर में एक संपन्न सेठजी रहते थे। वह दिनभर खूब मेहनत से काम करते थे। एक दिन उन्हें न जाने क्या सूझा कि अपने मुनीम को बुलाकर कहा, ‘पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है?’ कुछ दिन बाद मुनीम हिसाब लेकर आया और सेठ जी से बोला, ‘जिस हिसाब से आज खर्चा …

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