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मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया
मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया, सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया, यहां कोई नहीं पराया। एक बाग़ के फूल हैं सारे,एक हार के मोती, जितने हैं संसार में प्राणी,सबमे एक ही ज्योति भूल गए उस परम-पिता को जिसने हमे बनाया, सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया, यहां कोई नहीं पराया। एक पिता के बच्चे है हम,एक …
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