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मुल्ला और पड़ोसी

एक पड़ोसी मुल्ला नसरुद्दीन के द्वार पर पहुंचा . मुल्ला उससे मिलने बाहर निकले . “ मुल्ला क्या तुम आज के लिए अपना गधा मुझे दे सकते हो , मुझे कुछ सामान दूसरे शहर पहुंचाना है ? ” मुल्ला उसे अपना गधा नहीं देना चाहते थे , पर साफ़ -साफ़ मन करने से पड़ोसी को ठेस पहुँचती इसलिए उन्होंने झूठ कह …

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मुल्ला बने कम्युनिस्ट

एक बार खबर फैली की मुल्ला नसरुदीन कम्युनिस्ट बन गए हैं . जो भी सुनता उसे आश्चर्य होता क्योंकि सभी जानते थे की मुल्ला अपनी चीजों को लेकर कितने पोजेसिव हैं . जब उनके परम मित्र ने ये खबर सुनी तो वो तुरंत मुल्ला के पास पहुंचा . मित्र : “ मुल्ला क्या तुम जानते हो कम्युनिज्म का मतलब क्या …

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मुल्ला का प्रवचन

एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ? मुल्ला ने पूछा . “नहीं ” बैठे हुए लोगों ने जवाब दिया . यह सुन मुल्ला नाराज़ हो गए ,” जिन लोगों को ये भी नहीं …

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सुबह सुबह ले शिव का नाम

सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम । सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥ खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम । देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम ॥ सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥ शिव के …

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रसगुल्ले की जड़

rasgulle

मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके से करते हैं और उसके अच्छे खाने और रहने का प्रबंध करते हैं, और साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। एक दिन भोजन पर महाराज का रसोइया शेख व्यापारी के लिए रसगुल्ले …

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मंगलकारी शिव का नाम

मंगलकारी शिव का नाम । चरण हैं शिव के सुख का धाम ॥ पात पात में वो घाट में, फैली उनकी माया । जिस के मन में वो बस जाए, मंदिर बनती काया । जिस पर शिव जी कृपा करते, बनते काम तमाम ॥ वो ही जगत का करता धर्ता, वो ही जग के सवामी । भक्त जनों के मन …

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स्वर्ग की खोज

महाराज कृष्णदेव राय अपने बचपन में सुनी कथा अनुसार यह विश्वास करते थे कि संसार-ब्रह्मांड की सबसे उत्तम और मनमोहक जगह स्वर्ग है। एक दिन अचानक महाराज को स्वर्ग देखने की इच्छा उत्पन्न होती है, इसलिए दरबार में उपस्थित मंत्रियों से पूछते हैं, ” बताइए स्वर्ग कहाँ है ?” सारे मंत्रीगण सिर खुजाते बैठे रहते हैं पर चतुर तेनालीराम महाराज कृष्णदेव राय को …

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शंकर मेरा प्यारा

शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा । माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे, मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा ॥ माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला । रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया । गले लगा कर मुझ से …

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अरबी घोड़े

महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक दिन एक अरब प्रदेश का व्यापारी घोड़े बेचने आता है। वह अपने घोड़ो का बखान कर के महाराज कृष्णदेव राय को सारे घोड़े खरीदने के लिए राजी कर लेता है तथा अपने घोड़े बेच जाता है। अब महाराज के घुड़साल इतने अधिक घोड़े हो जाते हैं कि उन्हें रखने की जगह नहीं बचती, …

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शिव शंकर का गुणगान करो

ॐ नमः शिवा, ॐ नमः शिवा, ॐ नमः शिवा, ॐ नमः शिवा । शिव शंकर का गुणगान करो, शिव भक्ति का रसपान करो । जीवन ज्योतिर्मय हो जाए, जो तिर्लिंगो का धयान करो ॥ उसने ही जगत बनाया है, कण कण में वोही समाया है । दुःख भी सुख सा ही बीतेगा, सर पे जब शिव का साया है । …

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