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वेदवती का रावण को श्राप
राजा धर्मद्वज का कुशध्वज नामक एक धर्मात्मा भाई था। उसका विवाह मालावती नामक युवती से हुआ। धर्मध्वज के भांति कुशध्वज भी भगवती जगदम्बा का अनन्य भक्त था। वह प्रतिदिन उनके मायाबीज मंत्र का जाप करता था। भगवती कि कृपा से कुशध्वज के घर एक सुन्दर कन्या उत्पन्न हुई। वह कन्या महालक्ष्मी का अंश थी। जन्म लेते ही वह कन्या …
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