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भागवत भगवान की है आरती

भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ , है पंचम वेद निराला , नव ज्योति जगाने वाला ! हरि ज्ञान यही , वरदान यही , जग मंगल की है आरती , पापियों को पाप से है तारती ये शांति दीप , पावन पुनीत , पापों को मिटाने वाला , …

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जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी . बोलो जय अम्बे गौरी .. माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को मैया टीको मृगमद को उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको बोलो जय अम्बे गौरी .. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे मैया रक्ताम्बर साजे रक्त पुष्प गले माला …

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जगजननी जय जय

Jagjanani jai jai

जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय! भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। जगजननी ..तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा। सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥ जगजननी ..आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी। अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥ जगजननी ..अविकारी, अघहारी, अकल कलाधारी। कर्ता विधि, भर्ता हरि, हर संहारकारी॥ जगजननी .. तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया। मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥ …

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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .

mere laadale ganesh

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा . माता जाकी पारवती, पिता महादेवा .. एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी, माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी . पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा .. अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया . ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल …

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ॐ जय लक्ष्मी माता

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता . ॐ जय लक्ष्मी माता .. उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता ओ मैया तुम ही जग माता . सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता .. दुर्गा रूप निरन्जनि, सुख सम्पति दाता ओ …

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आनन्दमयी माँ

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || || 5.73||  (दुर्गासप्तशती) नमस्तेस्तु महारौद्रे महाघोरपराक्रमे । महाबले महोत्साहे महाभयविनाशिनि ॥ .. 16.. (दुर्गा कवच) बोलो श्री श्री आनन्दमयी माँ की जय | बोलो वृन्दावन  बिहारी लाल की जय || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ || जय गुरु माँ । जय गुरु …

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अमृत वाणी

श्री राम राम-कृपा अवतरण परम कृपा सुरूप है, परम प्रभु श्री राम । जन पावन परमात्मा, परम पुरुष सुख धाम ।। १ ।। सुखदा है शुभा कृपा, शक्ति शान्ति स्वरूप । है ज्ञान आनन्द मयी, राम कृपा अनूप ।। २ ।। परम पुण्य प्रतीक है, परम ईश का नाम । तारक मंत्र शक्ति घर, बीजाक्षर है राम ।। ३ ।। …

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यही वर दो मेरे राम

अर्थ न धर्म न काम रुचि, पद न चहहुं निरवान | जनम जनम रति राम पद, यह वरदान न आन || रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम सिमरूँ निश दिन हरि नाम, यही वर दो मेरे राम । रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥ मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे …

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सुन्दरकाण्ड पाठ – प्रारम्भ

कथा प्रारम्भ होत है, सुनहु वीर हनुमान | राम लक्षमण जानकी, करहुँ सदा कल्याण ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरो पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या देहूं मोहि,हरहु कलेश विकार || श्री गणेशाय नमः श्रीजानकीवल्लभो विजयते श्रीरामचरितमानस पञ्चम सोपान सुन्दरकाण्ड श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं …

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