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धुन – वन्दे रामं सच्चिदानन्दं

bhaj man mere raam naam too

वन्दे रामं सच्चिदानन्दं परम पावनं प्रियतम रूपंपरमेशं शुभ शक्ति स्वरूपंसर्वाधारं महासुखकंदंवन्दे रामं सच्चिदानन्दं शरणागत जन पालक शरणंविघ्न हरं सुख शांतिः करणंपरम पदं मंगल अरविन्दंवन्दे रामं सच्चिदानन्दं wish4me

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अब कृपा करो श्री राम नाथ दुख टारो

This thing is in Tretayug at that time when the boat is washing the feet of Lord,

अब कृपा करो श्री राम नाथ दुख टारो। इस भव बंधन के भय से हमें उबारौ। तुम कृपा सिंधु रघुनाथ नाथ हो मेरे । मैं अधम पड़ा हूँ चरण कमल पर तेरे। हे नाथ। तनिक तो हमरी ओर निहारो। अब कृपा करो … मैं पंगु दीन हौं हीन छीन हौं दाता । अब तुम्हें छोड़ कित जाउं तुम्हीं पितु माता …

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राम बिनु तन को

राम बिनु तन को ताप न जाई। जल में अगन रही अधिकाई॥ राम बिनु तन को ताप न जाई॥ तुम जलनिधि मैं जलकर मीना। जल में रहहि जलहि बिनु जीना॥ राम बिनु तन को ताप न जाई॥ तुम पिंजरा मैं सुवना तोरा। दरसन देहु भाग बड़ मोरा॥ राम बिनु तन को ताप न जाई॥ तुम सद्गुरु मैं प्रीतम चेला। कहै …

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राम नाम लौ लागी

राम नाम लौ लागी अब मोहे ।  राम नाम लौ लागी । मिट गये संशय भव भय भारी, भ्रांति भूल भी भागी । उदय हुआ शुभ भाग्य का भानु, भक्ति भवानी जागी । मिट गये संशय भव भय भारी, भ्रांति भूल भी भागी । पाप हरण श्रीराम चरण का, मन बन गया अनुरागी । राम नाम लौ लागी अब मोहे …

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सुमिर राम का नाम

सुमिर राम का नाम, मन रे, सुमिर राम का नाम. राम नाम जप पाप निवारे राम नाम जप सब जग तारे तर जा भाव सागर से प्राणी सुमिर राम का नाम सुमिर राम का नाम, मन रे सुमिर राम का नाम भक्ति करो श्री रामचंद्र की सेवा उनही के चरणों की मन उनकी छवि बसा लो जपो निरंतर नाम जपो …

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ज़रा आ शरण मेरे राम की

bhaj man mere raam naam too

श्री राम, श्री राम, श्री राम, श्री राम || ज़रा आ शरण मेरे राम की, मेरा राम करुणानिधान है | (२) ज़रा आ शरण मेरे राम की, मेरा राम किरपानिधान है | मेरा राम करुणानिधान है | मेरा राम किरपानिधान है | ज़रा आ शरण मेरे राम की, मेरा राम करुणानिधान है | पल पल तू उसका ध्यान कर उसके …

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पायो निधि राम नाम

पायो निधि राम नाम, पायो निधि राम नाम .सकल शांति सुख निधान, सकल शांति सुख निधान .पायो निधि राम नाम .. सुमिरन से पीर हरै, काम क्रोध मोह जरै .आनंद रस अजर झरै, होवै मन पूर्ण काम .पायो निधि राम नाम .. रोम रोम बसत राम, जन जन में लखत राम .सर्व व्याप्त, ब्रह्म राम, सर्वशक्तिमान राम .पायो निधि राम …

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राम भजा सो जीता जग में

राम भजा सो जीता जग में , राम भजा सो जीता रे हाथ सुमिरनी, बगल कतरनी, पढ़े भागवत गीता रे हृदय शुद्ध कीन्हों नहीं तेने, बातों में दिन बीता रे ज्ञान देव की पूजा कीन्ही, हरि सो किया न प्रीता रे धन यौवन यूँ ही जायेगा, अंत समय में रीता रे कहे कबीर काल यूँ मारे, जैसे हिरन को चीता …

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राम नाम रस पीजै मनुवा

मीराबाई (1498-1546) सोलहवीं शताब्दी की एक कृष्ण भक्त और कवयित्री थीं। उनकी कविता कृष्ण भक्ति के रंग में रंग कर और गहरी हो जाती है। मीरा बाई ने कृष्ण भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है। मीरा कृष्ण की भक्त हैं। उनके गुरु रविदास जी थे तथा रविदास जी के गुरु रामानंद जी थे। राम नाम रस पीजै मनुवा,राम …

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अस कछु समुझि परत रघुराया

tulsidas

अस कछु समुझि परत रघुराया ! बिनु तव कृपा दयालु ! दास-हित ! मोह न छूटै माया ॥ १ ॥ जैसे कोइ इक दीन दुखित अति असन-हीन दुख पावै । चित्र कलपतरु कामधेनु गृह लिखे न बिपति नसावै ॥ ३ ॥ जब लगि नहिं निज हृदि प्रकास, अरु बिषय-आस मनमाहीं । तुलसिदास तब लगि जग-जोनि भ्रमत सपनेहुँ सुख नाहीं ॥ ५ ॥ wish4me

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