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एक कप कॉफ़ी

जापान के टोक्यो शहर के निकट एक कस्बा अपनी खुशहाली के लिए प्रसिद्द था . एक बार एक व्यक्ति उस कसबे की खुशहाली का कारण जानने के लिए सुबह -सुबह वहाँ पहुंचा . कस्बे में घुसते ही उसे एक कॉफ़ी -शॉप दिखायी दी। उसने मन ही मन सोचा कि मैं यहाँ बैठ कर चुप -चाप लोगों को देखता हूँ , …

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अंतिम दौड़

Antim Daud

बहुत  समय  पहले  की  बात  है  एक  विख्यात  ऋषि  गुरुकुल  में  बालकों  को  शिक्षा  प्रदान  किया  करते  थे . उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े रजा महाराजाओं  के पुत्रों से  लेकर साधारण परिवार के लड़के भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़े उत्साह के साथ अपने अपने घरों …

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सबसे बड़ा गुरू

गुरु द्रोणाचार्य, पाण्डवोँ और कौरवोँ के गुरु थे, उन्हेँ धनुर्विद्या का ज्ञान देते थे। एक दिन एकलव्य जो कि एक गरीब शुद्र परिवार से थे. द्रोणाचार्य के पास गये और बोले कि गुरुदेव मुझे भी धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करना है आपसे अनुरोध है कि मुझे भी आपका शिष्य बनाकर धनुर्विद्या का ज्ञान प्रदान करेँ। किन्तु द्रोणाचार्य नेँ एकलव्य को अपनी विवशता बतायी और …

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साधु और नर्तकी

sadu aur nartaki

किसी गाँव मेँ एक साधु रहता था जो दिन भर लोगोँ को उपदेश दिया करता था। उसी गाँव मेँ एक नर्तकी थी, जो लोगोँ के सामनेँ नाचकर उनका मन बहलाया करती थी। एक दिन गाँव मेँ बाढ़ आ गयी और दोनोँ एक साथ ही मर गये। मरनेँ के बाद जब ये दोनोँ यमलोक पहूँचे तो इनके कर्मोँ और उनके पीछे छिपी भावनाओँ के आधार …

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राजा की तीन सीखें

raja ke tin sikh

बहुत समय पहले की बात है , सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें. इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला , …

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मैले कपड़े

maile kapde

जापान के ओसाका शहर के निकट किसी गाँवों में एक जेन मास्टर रहते थे। उनकी ख्याति पूरे देश में फैली हुई थी और दूर-दूर से लोग उनसे मिलने और अपनी समस्याओं का समाधान कराने आते थे।  एक दिन की बात है मास्टर अपने एक अनुयायी के साथ प्रातः काल सैर कर रहे थे कि अचानक ही एक व्यक्ति उनके पास …

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जो चाहोगे सो पाओगे !

jo-chahoge-o-paoge

एक साधु था , वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।” बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे। एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा और उसनेँ उस साधु की आवाज सुनी , “जो चाहोगे सो …

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भिखारी का आत्मसम्मान

BHIKHARI SA VYAPARI TAK KA SAFAR

सेल्फ रेस्पेक्ट अर्थात आत्मसम्मान मानव को पशुओं से अलग करती है। इसी की वजह से इंसान को श्रेष्ठ होने का एहसास होता है। असल में आत्म सम्मान का जनम आत्म विश्वाश से हुआ है। आत्म सम्मान की रक्षा के लिए आत्म विश्वाश को आगे रखना पड़ता है। आत्म सम्मान से ही हमें समाज में सम्मान प्राप्त होता है । इसी …

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तीन प्रश्न

Tols Toy

मित्रों, विख्यात रूसी साहित्यकार “टालस्टाय” अपनी कहानी “तीन प्रश्न” में लिखते हैं कि किसी राजा के मन में तीन प्रश्न अक्सर उठा करते थे जिनके उत्तर पाने के लिए वह अत्यंत अधीर था इसलिए उसने अपने राज्यमंत्री से परामर्श किया और अपने सभासदों की एक बैठक बुलाई | राजा ने उस सभा में जो अपने तीनों प्रश्न सबके सम्मुख रखे ; वे थे …

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दांव-पेंच

किसी गाँव में एक दिन कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया गया । हर साल की तरह इस साल भी दूर -दूर से बड़े-बडें पहलवान आये । उन पहलवानो में ऐक पहलवान ऐसा भी था, जिसे हराना सब के बस की बात नहीं थी। जाने-माने पहलवान भी उसके सामने ज्यादा देर टिक नही पाते थे। स्पर्धा शुरू होने से पहले मुखिया …

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