राजाभोज एक बार फिर सिंहासन की ओर बढ़े और तभी 22वीं पुतली अनुरोधवती वहां पर आ गई। उसने राजाभोज से कहा कि मैं तुम्हें राजा विक्रमादित्य की एक कहानी सुनाऊंगी उसके बाद यह फैसला करना कि आप सिंहासन पर बैठने लायक हो या नहीं। इसके बाद 22वीं पुतली ने कहानी सुनाना शुरू किया। राजा विक्रमादित्य कला प्रेमी थी और अच्छे …
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सिंहासन बत्तीसी की छब्बीसवीं कहानी – मृगनयनी पुतली की कथा!!
पच्चीवीं पुतली के द्वारा राज भोज महाराज विक्रमादित्य के गुणों को जानकर हर्षित हुए और उस स्थान से अपने महल की ओर रवाना हो गए। लेकिन अगल दिन फिर से उन्हें सिंहासन और महाराज विक्रमादित्य के गुणों का आकर्षण खींच लाया। जैसे ही राजा भोज सिंहासन की ओर बढ़े कि छब्बीसवीं पुतली मृगनयनी प्रकट हो गई। उसने राजा भोजा को …
Read More »सवालों का सीधा-सीधा जवाब – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’‘‘बाग में।’’ बीरबल बोला।वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’ ‘‘अपने घर में।’’ बीरबल ने उत्तर दिया।हैरान-परेशान आदमी ने फिर …
Read More »व्यापारी का पतन और उदय !!
वर्धमान नामक शहर में एक कुशल व्यापारी रहा करता था। जब उस राज्य के राजा को उसकी कुशलता के बारे में पता चला, तो राजा ने उसे अपने राज्य का प्रशासक बना दिया। व्यापारी की कुशलता से आम व्यक्ति से लेकर राजा तक सभी बहुत प्रभावित थे। कुछ समय बाद व्यापारी की लड़की की शादी तय हुई। इस खुशी में …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: बाढ़ और राहत बचाव कार्य !!
एक बार की बात है, महाराज कृष्णदेव राय के राज्य विजयनगर में बहुत भयानक बाढ़ आई। इस बाढ़ में राज्य के कई गांव डूब गए। इस वजह से राज्य का काफी नुकसान हुआ। इस प्राकृतिक आपदा के बारे में जब महाराज कृष्णदेव राय को पता चला, तो उन्होंने एक मंत्री को फौरन बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद करने का …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: अपमान का बदला!!
राजा कृष्णदेव राय दूर-दूर तक मशहूर थे। तेनालीराम ने भी राजा कृष्णदेव राय के चर्चे खूब सुने थे। तेनाली ने सुना था कि राजा चतुर और बुद्धिमानों का सम्मान करते हैं। इसलिए, उसने सोचा कि क्यों न राज दरबार में जाकर हाथ आजमाया जाए। लेकिन, इसमें एक अड़चन थी कि बिना किसी बड़ी मदद के वो वहां तक पहुंच नहीं …
Read More »तेनालीराम और मटके की कहानी!!
एक बार की बात है, किसी कारण से महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम से नाराज हो गए थे। वे उनसे इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने कहा, “पंडित तेनालीरामा, अब आप हमें अपनी शक्ल नहीं दिखाएंगे और अगर आपने हमारे आदेश का पालन नहीं किया, तो हम आपको कोड़े मारने का आदेश देंगे।” महाराज की यह बात सुनकर तेनालीराम वहां …
Read More »तेनालीराम की कहानी: मनपसंद मिठाई!!
तेनालीराम हमेशा जवाब देने के अपने नायाब तरीकों के कारण जाने जाते थे। उनसे कोई भी सवाल पूछा जाए, वह हमेशा एक अलग अंदाज के साथ जवाब देते थे, फिर चाहे वो सवाल उनकी मनपसंद मिठाई का ही क्यों न हो। आइए, जानते हैं कि कैसे तेनालीराम ने अपनी मनपसंद मिठाई के पीछे महाराज कृष्णदेव राय की कसरत करवा दी। …
Read More »तेनालीराम की कहानी: दूध न पीने वाली बिल्ली!!
दक्षिण भारत के विजयनगर में राजा कृष्णदेव राय का राज था। एक बार विजयनगर में चूहों ने बहुत तबाही मचाई, जिससे पूरी प्रजा परेशान थी, क्योंकि चूहे आए दिन किसी के कपड़े कुतर जाते, तो किसी की फसल और अनाज को नुकसान पहुंचाते। इससे परेशान होकर एक दिन पूरी प्रजा राजा कृष्णदेव राय के दरबार में पहुंची और उनकी समस्या …
Read More »मूर्ख राजा और चतुर मंत्री की कहानी!!
कई सालों पहले नदी के किनारे पर एक दियत्स नामक नगरी हुआ करती थी। इस नगरी में शासन करने वाला राजा बहुत ही मुर्ख था। वहीं, राजा का मंत्री बहुत चतुर था। एक दिन शाम के समय राजा और मंत्री दोनों नदी किनारे टहलते हुए शाम का आनंद ले रहे थे। तभी राजा ने मंत्री से एक सवाल पूछा, “क्या …
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