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शहरयार और शाहजमाँ की कहानी – प्रारम्भ की कहानी – अलिफ़ लैला!!

फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी और बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का नाम शहरयार और छोटे लड़के का नाम शाहजमाँ था। दोनों राजकुमार गुणवान, वीर धीर और शीलवान थे। जब बादशाह …

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काले द्वीपों के बादशाह की कहानी ~ अलिफ लैला!!

उस जवान ने अपना वृत्तांत कहना आरंभ किया। उसने कहा ‘मेरे पिता का नाम महमूद शाह था। वह काले द्वीपों का अधिपति था, वे काले द्वीप चार विख्यात पर्वत हैं। उसकी राजधानी उसी स्थान पर थी जहाँ वह रंगीन मछलियों वाला तालाब है। मैं आपको ब्योरेवार सारी कहानी बता रहा हूँ जिससे आपको सारा हाल मालूम हो जाएगा। जब मेरा …

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मस्तक पर चक्र !!

एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर लिया था कि अपने बन्धु-बान्धवों में धनहीन जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा शेर-हाथियों से भरे कंटीले जङगल में रहना अच्छा़ है । निर्धन व्यक्ति को सब अनादर …

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चार मूर्ख पंडितों की कथा!!

एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे । चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये । निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान् हो गये, किन्तु व्यवहार-बुद्धि से चारों खाली थे । विद्याभ्यास के बाद चारों स्वदेश के लिये लौट पड़े । कुछ़ देर चलने के बाद रास्ता दो ओर फटता था । ’किस …

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कौवे और उल्लू का युद्ध!!

दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था । नगर के पास एक बड़ा पीपल का वृक्ष था । उसकी घने पत्तों से ढकी शाखाओं पर पक्षियों के घोंसले बने हुए थे । उन्हीं में से कुछ घोंसलों में कौवों के बहुत से परिवार रहते थे । कौवों का राजा वायसराज मेघवर्ण भी वहीं रहता था । वहाँ उसने …

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दुष्ट सर्प और कौवे!!

एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले में जाकर अंडे खा जाता। एक बार जब कौआ …

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पंचतंत्र की कहानी: सुराही का जिन्न!!

एक गरीब मछुआरा बहुत परिश्रम कर के अपनी रोज़ी रोटी कमाता था। वह एक दिन में केवल चार बार समुद्र में जाल डाल कर मछ्ली पकड़ने के नियम पर चलता था। अपने उस नियम के कारण उसे कई बार घर पर खाली हाथ लौट आना पड़ता था। मछुवाराे की पत्नी भी अपने पति के इस नियम से परेशान थी। रोज़ …

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पंचतंत्र की कहानी: महामूर्ख नाई!!

एक नगर में बहुत ही दयालु पति-पत्नी रहते थे। वे आर्थिक रूप से संपन्न थे और पूजा-पाठ, दान-धर्म में बढ़-चढ़ कर हिसा लेते थे। उनके नेक व्यवहार की कीर्ति दूर-दूर तक थी और अक्सर उनके घर में मेहमानों का ताता लगा रहता था। समय कभी एक सा नहीं रहता है। एक बार उनके ऊपर घोर विपत्ति आ जाती है और …

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पंचतंत्र की कहानी: तीन काम!!

एक बार दो गरीब दोस्त किसी नगर के सेठ के पास काम मांगने जाते हैं। कंजूस सेठ तुरंत उन्हे काम पर रख लेता है और पूरे साल काम करने पर साल के अंत में दोनों को 12-12 स्वर्ण मुद्राएँ देने का वचन देता है। सेठ यह भी शर्त रखता है कि अगर उन्होंने काम ठीक से नहीं किया या किसी …

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कवि और धनवान आदमी – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!

एक दिन एक कवि किसी धनी आदमी से मिलने गया और उसे कई सुंदर कविताएं इस उम्मीद के साथ सुनाईं कि शायद वह धनवान खुश होकर कुछ ईनाम जरूर देगा। लेकिन वह धनवान भी महाकंजूस था, बोला, ‘‘तुम्हारी कविताएं सुनकर दिल खुश हो गया। तुम कल फिर आना, मैं तुम्हें खुश कर दूंगा।’’‘कल शायद अच्छा ईनाम मिलेगा।’ ऐसी कल्पना करता …

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