स्वामी विवेकानंद नए-नए संन्यासी बने थे। उस समय तक उन्होंने प्राणिमात्र में समान भाव से ईश्वर के दर्शन के संदेश का गंभीरता से अध्ययन नहीं किया था। स्वामीजी युवावस्था में काफी समय तक ग्रामीण अंचलों का भ्रमण करने में लगे रहे। वे गाँवों की स्थिति का अध्ययन करने तथा लोगों को सदाचारी बनने और दुर्व्यसनों से दूर रहने का उपदेश …
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भय से मुक्ति का उपाय !!
रंभा मोहनदास करमचंद गांधी के परिवार की पुरानी सेविका थी। वह पढ़ी-लिखी नहीं थी, किंतु इतनी धार्मिक थी कि रामायण को हाथ जोड़कर और तुलसी को सिर नवाकर ही अन्न-जल ग्रहण करती थी । एक रात बालक गांधी को सोने से पहले डर लगा। उसे लगा कि कोई भूत-प्रेत सामने खड़ा है। डर से उन्हें रात भर नींद नहीं आई। …
Read More »सेवा से ही कल्याण !!
स्वामी रामकृष्ण परमहंस दक्षिणेश्वर मंदिर में बैठे भक्तजनों को उपदेश दे रहे थे। एक दुकानदार पत्नी सहित उनके सत्संग के लिए पहुँचा। सत्संग के बाद उसने परमहंसजी से प्रश्न किया, ‘क्या सांसारिक बंधनों में रहते हुए भगवत् कृपा प्राप्त कर जीवन सार्थक किया जा सकता है?’ स्वामीजी ने बताया, ‘संसार में भगवान् को भजने वा साधु-संन्यासी कम, गृहस्थजन अधिक होते …
Read More »अनोखा इलाज !!
एक बार एक राजा था। वह बहुत आलसी था। वह शायद ही अपने हाथ से कोई काम करता था। इसका नतीजा यह हुआ कि वह बीमार रहने लगा। उसने राजवैद्य को बुलाया और कहा, “मुझे स्वस्थ रहने के लिए दवा दो। अगर तुमने मेरा इलाज नहीं किया, तो मैं तुम्हारी हत्या करवा दूंगा।” राजवैद्य यह बात जानता था …
Read More »रोगी पर दया करो !!
गुरु नानकदेव धर्मप्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के एक गाँव में पहुँचे। उनके साथ भाई मरदाना भी थे। गाँवे वाले संत-महात्माओं के महत्त्व अनभिज्ञ थे। उन्होंने दोनों को रात में आश्रय देने से इनकार कर दिया। गाँव के बाहर एक कोढ़ी कुटिया में रहता था । उसे गाँव वालों ने निकाल दिया था। उसने दोनों साधुओं …
Read More »अनूठी कर्मनिष्ठा !!
क्ली एथेंस मातृ-पितृहीन अमेरिकी युवक था। उसने एक धर्मग्रंथ से प्रेरणा लेकर संकल्प किया कि वह परिश्रम करके विद्याध्ययन करेगा, बिना कर्म किए मिले धन-संपत्ति का उपयोग कदापि नहीं करेगा और दुर्व्यसनों से दूर रहकर सदाचारी जीवन बिताएगा । एथेंस ने प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया । कुछ संपन्न परिवारों के छात्र उसकी अनूठी …
Read More »जो बोलो, वही करो !!
एक बार, एक छोटे से गांव में एक बूढ़ा आदमी अकेला रहता था। वह कई बार कहता था, “मेरा कोई परिवार नहीं है। अच्छा हो अगर मैं खुद को मार रोज़ सुबह, वह जंगल जाता था। वह कुछ पेड़ों को काट कर उनको गट्ठर में बांध लेता था। और उन्हें बाज़ार ले जाकर बेच देता था। उन पैसों से …
Read More »अलग-अलग तरीके !!
एक बार, एक बूढ़ा आदमी एक धार्मिक सभा में भाग लेने जा रहा था। उधर, एक युवक भी अपने घर से निकला। उसे अपनी पत्नी से मिलने जाना था। वे अपने-अपने रास्ते जा रहे थे। एक जगह पर, उन दोनों के रास्ते आपस में मिल गए और सड़क पर उनकी मुलाकात हुई। जल्द ही, उन दोनों यात्रियों की …
Read More »बुद्धिमान मोनू !!
एक छोटा-सा बच्चा था। उसका नाम था सोना। वह बहुत नटखट था लेकिन वह बहुत बुद्धिमान और हाज़िरजवाब था। एक दिन, मोनू की मां ने उसे कुछ फल और सब्जियां लाने दुकान पर भेजा। मोनू ने कुछ सब्जियां खरीदी और फिर वह एक फल बेचने वाले के पास गया। उसने आधा किलो नाशपतियां खरीदीं। लेकिन फल बेचने वाला बेईमान …
Read More »दुनिया गोल है !!
ये कहानी है एक गरीब लड़के की एक ऐसा लड़का जिसके फैमिली में ज्यादा पैसा नहीं था वो स्कूल के बाद में घर घर जा कर के सामान बेचता था और उस सामान से जो पैसा इसे मिलता था उस पैसे से वो स्कूल की फीस भरता था। ये लड़का एक दिन ऐसे ही दोपहर में निकला हुआ था सामान …
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