बहुत समय पहले अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया के देशों में गुलामी की प्रथा थी। गुलामों के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता था। एथेंस शहर में एक बहुत धनी जमींदार रहता था। उसके यहां बहुत से गुलाम थे। लेकिन वह गुलामों से बहुत क्रूरता से पेश आता था। उन्हें ठीक से भोजन भी नहीं देता था। इसके अलावा …
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दर्पण की सीख!!
बहुत समय पहले की बात है। कोशल देश में सुवर्ण ऋषि का गुरुकुल था। अपनी उच्चकोटिकी शिक्षा के लिए यह गुरुकुल पूरे आर्यावर्त में प्रसिद्ध था। जिसमें पढ़ने के लिए दूर दूर से विद्यार्थी आते थे। इन्हीं विद्यार्थियों में नकुल नाम का एक लड़का था। वह अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और लगन के लिए पूरे गुरुकुल में प्रसिद्ध था। सुवर्ण ऋषि …
Read More »बुजुर्गों का महत्व!!
बहुत पुरानी बात है। सुंदरगढ़ नामक एक राज्य था। जिसका राजा सुमंत बहुत धनलोलुप था।वह हमेशा यही विचार किया करता था कि किस प्रकार उसका राज्य सबसे धनवान बने।इसके लिए वह नए नए तरीके सोचा करता था। नए नए नियम लागू करता रहता था। उसकी प्रजा भी उससे परेशान रहती थी। एक दिन उसने सोचा कि ये बुजुर्ग लोग उसके …
Read More »प्रतिभा की पहचान!!
यूनान के थ्रेस शहर में एक गरीब लड़का था। जो लकड़ियां बेच कर अपना पेट पालता था। वह प्रतिदिन जंगल से लकड़ियां काट कर लाता। उनका गठ्ठर बनाता, फिर उन्हें बाजार लेकर जाता। वहां गठ्ठर बेचकर जो भी मिलता उससे वह अपना पेट पालता। लड़के की खूबी यह थी कि वह जो भी काम करता बहुत लगन और एकाग्रता से …
Read More »खुशियां बांटो, खुश रहो!!
एक नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत कंजूस था। धन के प्रति उसका मोह इतना अधिक था कि वह एक पैसा भी खर्च नहीं करना चाहता था। प्रचुर मात्रा में धन होते हुए भी वह निर्धनों की तरह जीवन व्यतीत करता था। उसका परिवार भी उसकी कंजूसी की आदत से दुखी रहता था। घर में सब कुछ होते …
Read More »गरीबों की मदद
पुराने समय की बात है। यूनान के किसी गांव में तीन भाई रहते थे। तीनों बहुत महत्वाकांक्षी थे। गांव में आय के साधन सीमित थे। उनके पास थोड़ी सी खेती थी। जिससे वे अपना जीवन यापन करते थे। किंतु तीनों भाई वैभवशाली और समृद्ध जीवन जीना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एथेंस शहर जाकर कुछ बड़ा काम करने का निश्चय किया। …
Read More »इच्छाओं का बंधन!!
एक बार एक सूफी संत अपने शिष्यों के साथ बाजार से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति एक गाय की रस्सी पकड़े चला जा रहा है। उन्होंने उसको रोक लिया और अपने शिष्यों से पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बंधा है? शिष्यों ने तुरंत उत्तर दिया कि गाय बंधी है इस आदमी के साथ। यह जहां चाहे …
Read More »सबसे बड़ा मूर्ख!!
एक बहुत धनी व्यापारी था। उसने बहुत धन संपत्ति इकट्ठा कर रखी थी। उसका एक नौकर था संभु। जो अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा गरीबों की मदद में खर्च कर देता था। व्यापारी रोज उसे धन बचाने की शिक्षा देता। लेकिन संभु पर कोई असर नहीं होता था। इससे तंग आकर एक दिन व्यापारी ने संभु को एक डंडा …
Read More »भगवान का दोस्त!!
जून की दोपहर थी।आसमान ही नहीं जमीन भी तप रही थी। ऐसे में 8-10 साल का एक लड़का नंगे पांव फूल बेच रहा था। पैरों की जलन उसके चेहरे पर दिख रही थी। वहां से गुजर रहे एक सज्जन को बालक पर दया आ गयी। वे पास की जूतों की दुकान पर गए और वहां से एक जोड़ी जूते ले …
Read More »सुधार की गुंजाइश
एक मूर्तिकार था। उसने अपने बेटे को भी मूर्तिकला सिखाई। दोनों बाप-बेटे मूर्तियां बनाते और बाजार में बेंचने ले जाते। बाप की मूर्तियां तो डेढ़-दो रुपये में बिकती। लेकिन लड़के की मूर्तियां केवल आठ-दस आने में ही बिक पातीं। घर आकर बाप लड़के को मूर्तियों में कमी बताता और उन्हें ठीक करने को कहता। लड़का भी समझदार था। वह मन …
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