द्वारिका में रहकर कृष्ण ने सुखपूर्वक जीवन बिताया। यहीं रहकर उन्होंने हस्तिनापुर की राजनीति में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं और 8 स्त्रियों से विवाह कर एक नए कुल और साम्राज्य की स्थापना की। द्वारिका वैकुंठ के समान थी। कृष्ण की 8 पत्नियां थीं:- रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, मित्रवन्दा, सत्या, लक्ष्मणा, भद्रा और कालिंदी। इनसे उनका कई पुत्र और पुत्रियों की प्राप्ति हुई।इसके …
Read More »GOD
यमुना के पार गोकुल
जब कृष्ण का जन्म हुआ तो जेल के सभी संतरी माया द्वारा गहरी नींद में सो गए। जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गए। उस वक्त भारी बारिश हो रही थी। यमुना में उफान था। उस बारिश में ही वसुदेव ने नन्हे कृष्ण को एक टोकरी में रखा और उस टोकरी को लेकर वे जेल से बाहर निकल आए। कुछ …
Read More »स्वर्ग के दर्शन
लक्ष्मीनारायण बहुत भोला लड़का था | वह प्रतिदिन रात में सोने से पहले अपनी दादी से कहानी सुनाने को कहता था | दादी उसे नागलोक, पाताल लोक, चंद्र लोक, सूर्य लोक, आदि की कहानी सुनाया करती थी | एक दिन दादी ने उसे स्वर्ग का वर्णन सुनाया | स्वर्ग का वर्णन इतना सुंदर था! कि उसे सुनकर लक्ष्मीनारायण स्वर्ग देखने …
Read More »ईश्वर या धन? आप क्या चाहते हैं?
एक बार एक नगर के राजा के यहाँ पुत्र पैदा हुआ। इस खुशी में राजा ने पूरे नगर में घोषणा करवा दी कि कल पूरी जनता के लिए राजदरबार खोल दिया जायेगा। जो व्यक्ति सुबह आकर सबसे पहले जिस चीज़ को हाथ लगाएगा वो उसी की हो जाएगी।पूरे राज्य में ख़ुशी का माहौल छा गया। सारे लोग ख़ुशी से फूले …
Read More »श्री कृष्ण की मृत्यु का कारण
अपने पिता को यदुवंशियों के विनाश की सूचना देकर कृष्ण वन में अपने भाई बलराम के पास वापस लौट आये थे। यदुकुल की स्त्रियों की रक्षा का भार उन्होंने अपने सारथी बाहुक के माध्यम से अर्जुन पर छोड़ दिया था।अब इस धरा पर वे बस अपने भाई के साथ कुछ क्षण व्यतीत करना चाहते थे।बलराम एक वृक्ष के नीचे निश्चेष्ट …
Read More »ज्ञानी पुरुष और निंदा
एक व्यापारी एक नया व्यवसाय शुरू करने जा रहा था लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत ना होने के कारण उसे एक हिस्सेदार की जरुरत थी| कुछ ही दिनों में उसे एक अनजान आदमी मिला और वह हिस्स्सेदार बनने को तैयार हो गया| व्यापारी को उसके बारे में ज्यादा कुछ मालुम नहीं था| अत: पहले वह हिस्सेदार बनाने से डर रहा …
Read More »अद्भुत बाल लीला…
एक बार जब मेरे प्रभु लीला कर रहे तो ब्रम्हा , इंद्र , शिव , ये सब देवता ठाकुर जी के निकट आए और इन्होंने क्या देखा की ठाकुर जी अपने पीछे कुछ छुपा रहे है तब देवता बोले की प्यारे आप क्या छुपा रहे हो ? तो भगवान चुपचाप खड़े है , हाथ में एक पात्र रखा है और …
Read More »श्री लक्ष्मी
इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है-एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी पर विचर रहे थे। घूमत-घूमते वे एक मनोहर वन में गए। वहाँ एक विद्याधर सुंदरी हाथ में पारिजात पुष्पों की माला लिए खड़ी थी, वह …
Read More »राम भक्त शबरी
शबरी को आश्रम सौंपकर महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी।शबरी की उम्र दस वर्ष थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगी।महर्षि शबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे। शबरी को समझाया “पुत्री इस आश्रम में भगवान आएंगे, तुम यहीं प्रतीक्षा करो।”अबोध शबरी इतना अवश्य जानती थी कि गुरु का …
Read More »राधा रानी जी और फूल सखी
बरसाना में फूल सखी नाम का एक मुस्लिम था यद्यपि वो एक मुस्लिम था फिर भी उसकी राधा रानी में अपार श्रद्धा थी और तो और उसकी एक बेटी थी जिसका नाम भी उसने राधा रखा था.फूलसखी सारंगी बजाने का काम करता था कोई भी उत्सव होता तो वो सारंगी बजाता और उसकी बेटी राधा उसकी धुनों पर नृत्य करती.इसी …
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