पाप का गुरुएक समय की बात है। एक पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद गांव लौटे। पूरे गांव में शोहरत हुई कि काशी से शिक्षित होकर आए हैं और धर्म से जुड़े किसी भी पहेली को सुलझा सकते हैं। शोहरत सुनकर एक किसान उनके पास आया और उसने पूछ लिया- पंडित जी आप …
Read More »Dreams Meaning
किन्नर की बद्दुआ
एक दिलचस्प कहानी जो जीवन के चुनौतियों, व्यक्तिगत कठिनाइयों और आत्म-परिश्रम की दुनिया को खोलती है। जहां जीवन के चुनौतीभरे पथों पर असली......
Read More »चतुर चालाक कुटिल
चतुर,चालाक, कुटिल,फरेबी इंसान को साधारण बुद्धि वाले स्त्री पुरूष नहीं समझ सकते और उनकी बातों में आ जाते हैं!
Read More »बैसाखी बीमा की
अनवरत प्रयास के बाद भी प्रीति के मानष पटल से वह घटना हट नहीं पा रही थी, जब उसका जीवन साथी पीयूष, दो अबोध बच्चों का लालन-पालन तथा दो वृद्ध जन अर्थात माँ-पिताजी की सेवा-शुश्रूषा, देखभाल की जिम्मेदारी छोड़, परमात्मा के चरण शरण को चला गया। यूँ तो पिछले चार-पाँच माह से पीयूष रोगग्रस्त था पर प्रीति के मन में …
Read More »अनुशासन
इस दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी में, एक साहसी महिला ने अपने कॉलेज में बदलाव लाने के लिए उत्साह से काम किया। उनकी कड़क और हँसमुख स्वभाव ने उन्हें सबके बीच लोकप्रिय बना दिया और उन्होंने अपनी शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व का प्रदर्शन किया।
Read More »सत्य घटना पर आधारित
आज भी हमारे देश के कई हिस्सों मे बाल विवाह का जोर सोर से प्रचलन है। कोख मे बेटी हत्या बहू हत्या दहेज प्रचलन जोर शोर से है । मगर इस खास मुद्दों पर कोई आवाज नहीं उठाता मगर आरक्षण के सबको चाहिए।
Read More »तप अनुमोदन
तप के मार्ग का अनुसरण करने वाले हठ मनोबली शूरवीर होते है । तप से मन का कायाकल्प होता है । तपस्या की महिमा अपरंपार है, जो हमें मुक्ति के द्वार लेकर जाती है
Read More »मकड़ी की कहानी
शहर के एक बड़े संग्रहालय के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी। ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था।लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था
Read More »छोटे बच्चे की कहानी
तुम्हे कुछ दिन से देख रहा हूं, यहां रोज गोलगप्पे की रेहड़ी लगाते हो, स्कूल क्यों नहीं जाते. शर्मा जी ने सड़क किनारे रेहड़ी लगाए 14-15 साल के लड़के से कहा
Read More »सही राह
“सुधा…… क्या हाल बना रखा है तुमने अपना, अब तो तुम्हारे बदन से भी मसाले की खुशबू आती है | मोहन ने बाथरुम से निकलते ही सुधा को देखा और गुस्से से बड़बड़ाने लगा | सुधा ने मोहन की ओर देखा और आँखे झुका ली | “नाश्ता तैयार है….मोहन चिल्लाते हुए बोला…गुस्सा अपनी चर्म सीमा पर था | “जी ….संक्षिप्त …
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