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शेखचिल्ली की कहानी : खीर !!

शेखचिल्ली बेहद ही मूर्ख था और हमेशा मूर्खता भरी बातें करता था। उसकी मां अपने बेटे की मूर्खता भरी बातों से बहुत परेशान रहती थी। एक बार शेखचिल्ली ने अपनी मां से पूछा कि लोग मरते कैसे हैं? मां ने सोचा कि इस मूर्ख को कैसे समझाऊं, तो मां ने कह दिया कि लोग जब मरते हैं, तो बस उनकी …

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शेखचिल्ली की कहानी : कैसे नाम पड़ा !!

ऐसा कहा जाता है कि शेखचिल्ली का जन्म गरीब परिवार में किसी गांव में हुआ था। उसके पिता बचपन में ही गुजर गए थे, इसलिए उसकी मां ने उसकी परवरिश की थी। शेख की मां ने इस सोच से बेटे को पाला-पोसा था कि वो बड़ा होकर कमाएगा और उनकी गरीबी भी दूर हो जाएगी। इसी सोच के साथ शेख …

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सिंहासन बत्तीसी की इक्कीसवीं कहानी – चन्द्रज्योति पुतली की कथा!!

इस बार भी राजा भोज सिंहासन पर बैठने के लिए आगे बढ़ते हैं और तभी इक्कीसवीं पुतली चन्द्रज्योति वहां प्रकट होती है। चन्द्रज्योति राजा भोज को रोकती है और साथ ही उन्हें राजा विक्रमादित्य के गुणों से जुड़ी एक कहानी सुनाती है, जो इस प्रकार है – एक बार राजा विक्रमादित्य ने राज्य में एक यज्ञ कराने का सोचा। वह …

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सिंहासन बत्तीसी की सताइसवीं कहानी – मलयवती पुतली की कथा!!

राजा भोज के मन में कैसे भी करके महाराज विक्रमादित्य के सिंहासन पर बैठने की लालसा थी लेकिन हर बार उनको सिंहासन में चिपकी हुई पुतली रोक लेती थी। और उन्हें कहानी के माध्यम से महाराज विक्रमादित्य के गुणों के बारे में बतातीं थीं जो राजा भोज में नहीं थे, जिस कारण राजा भोज सिंहासन पर नहीं बैठ पाते थे। …

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छद्दन्द हाथी की कहानी – जातक कथा !!

हिमालय के घने वनों में कभी सफेद हाथियों की दो विशिष्ट प्रजातियाँ हुआ करती थीं – छद्दन्त और उपोसथ। छद्दन्त हाथियों का रंग सफेद हुआ करता था और उनके छ: दाँत होते थे। (ऐसा पालि साहित्य मे उल्लिखित है।) छद्दन्त हाथियों का राजा एक कंचन गुफा में निवास करता था। उसके मस्तक और पैर माणिक के समान लाल और चमकीले …

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तीन प्रश्नों के उत्तर – अकबर बीरबल की कहानियां !!

अकबर के प्रश्नों और बीरबल के जवाबों से जुड़े किस्से काफी प्रचलित हैं। कहते हैं कि बीरबल बहुत बुद्धिमान थे। अकबर के सवालों के सटीक जवाब बीरबल के पास होते थे। आईये पढ़ते हैं इन दोनों का ऐसा ही एक रोचक किस्सा, जिसमें अकबर ने बीरबल से ईश्वर से जुड़े तीन प्रश्न पूछे थे।वो तीन प्रश्न थे :1. ईश्वर कहां रहता है?2. ईश्वर …

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संगीतमय गधा!!

एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता। निकट में कोई चरागाह भी नहीं थी। शरीर से गधा बहुत दुर्बल हो गया था। एक रात उस …

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बिन कारण कार्य नहीं!!

एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को लेकर ब्राह्मण और ब्राह्मण-पत्‍नी में यह बातचीत हो रही थी:ब्राह्मण—-“कल सुबह कर्क-संक्रान्ति है, भिक्षा के लिये मैं दूसरे गाँव जाऊँगा । वहाँ एक ब्राह्मण सूर्यदेव की तृप्ति के लिए …

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गजराज और मूषकराज की कथा ~ मित्र सम्प्राप्ति!!

प्राचीन काल में एक नदी के किनारे बसा नगर व्यापार का केन्द्र था। फिर आए उस नगर के बुरे दिन, जब एक वर्ष भारी वर्षा हुई। नदी ने अपना रास्ता बदल दिया।लोगों के लिए पीने का पानी न रहा और देखते ही देखते नगर वीरान हो गया अब वह जगह केवल चूहों के लायक रह गई। चारों ओर चूहे ही …

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बन्दर और लकड़ी का खूंटा!!

एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकडी का काम बहुत था इसलिए लकडी चीरने वाले बहुत से मज़दूर काम पर लगे हुए थे। यहां-वहां लकडी के लठ्टे पडे हुए थे और लठ्टे व शहतीर चीरने का काम चल रहा था। सारे मज़दूरों को दोपहर का भोजन करने के …

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