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मुल्ला नसरुदीन के किस्से

Mullaa nasarudeen ke kisse

माना जाता है कि मुल्ला नसरुदीन तुर्की में रहने वाला एक बुद्धिमान दार्शनिक था जिसे उसके किस्से कहानियों के लिए जाना जाता था. ओशो अक्सर अपने उपदेशों में मुल्ला के कहानी किस्सों का ज़िक्र किया करते थे. मुल्ला का प्रवचन एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए …

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तीन प्रसिद्द ज़ेन कथाएँ

Teen prasidd zaen kathaaen

ज़ेन बौद्ध धर्म के एक रूप है जो मनुष्य की जागृति पर जोर देता है. इसे जीवन का सही अर्थ खोजने की कोशिश की एक विधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. जेन अपने अनुयायियों को सिखाता है कि वे अपनी उम्मीदों, विचारों और यहाँ तक की अपने विश्वास की परतों को भी हटाएं ताकि सच को जान सकें.और आज मैं …

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मंदबुद्धि

Mndabuddhi

विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे । उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था। कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान …

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परमात्मा हारता ही नहीं

Paramaatmaa haarataa hee naheen

रवींद्रनाथ ने कहा है, बनाए जाता है। हम चाहे उसकी मर्जी पूरी करें, न करें; मगर वह थकता नहीं। वह नये-नये संस्करण भेजता ही चला जाता है। वह जगत को रोक नहीं देता। यह उसके प्रेम की लीला है। तुम पात्र ही हो। पात्रता के लिए कुछ और करना नहीं है। लेकिन तुम्हारे धर्मगुरुओं ने तुम्हें सिखाया है कि पात्रता के …

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कर्म भोग

Karm bhog

एक गाँव मे एक किसान रहता था उसके परिवार मे उसकी पत्नी और एक लड़का था।कुछ सालो के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली। उस दुसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ।किसान की दुसरी पत्नी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई। किसान …

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छत्रपति शिवाजी के जीवन के तीन प्रेरणादायक प्रसंग

Chhatrapati shivaajee

19th Feb को शिवाजी जयंती है इस शुभ अवसर पर मैं आपके साथ उनके जीवन के तीन प्रेरणादायक प्रसंग साझा कर रहा हूँ. आइये हम भारत वर्ष के इस वीर सपूत को नमन करें और उनके जीवन से शिक्षा ले भारत माता की सेवा में अग्रसर हों. प्रसंग १: शिवाजी के समक्ष एक बार उनके सैनिक किसी गाँव के मुखिया को पकड़ कर ले …

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चिल्लाओ मत ! Chillaao mat

Chillaao mat

एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचा. वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे . संयासी यह देख तुरंत पलटा और अपने शिष्यों से पुछा ; ” क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं ?’ शिष्य …

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मकड़ी, चीँटी और जाला

Makadee, cheenṭee aur jaalaa

एक मकड़ी थी. उसने आराम से रहने के लिए एक शानदार जाला बनाने का विचार किया और सोचा की इस जाले मे खूब कीड़ें, मक्खियाँ फसेंगी और मै उसे आहार बनाउंगी और मजे से रहूंगी . उसने कमरे के एक कोने को पसंद किया और वहाँ जाला बुनना शुरू किया. कुछ देर बाद आधा जाला बुन कर तैयार हो गया. यह देखकर …

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कद्दू की तीर्थयात्रा

Kaddoo kee teerthayaatraa

हमारे यहाँ तीर्थ यात्रा का बहुत ही महत्त्व है। पहले के समय यात्रा में जाना बहुत कठिन था। पैदल या तो बैल गाड़ी में यात्रा की जाती थी। थोड़े थोड़े अंतर पे रुकना होता था। विविध प्रकार के लोगो से मिलना होता था, समाज का दर्शन होता था। विविध बोली और विविध रीति-रीवाज से परिचय होता था। कंई कठिनाईओ से गुजरना पड़ता, कंई अनुभव …

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स्वामी जी का उपदेश

Svaamee jee kaa upadesh

एक बार समर्थ स्वामी रामदासजी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी “जय जय रघुवीर समर्थ !” घर से महिला बाहर आयी। उसने उनकी झोलीमे भिक्षा डाली और कहा, “महात्माजी, कोई उपदेश दीजिए !” स्वामीजी बोले, “आज नहीं, कल दूँगा।” दूसरे दिन स्वामीजी ने पुन: उस घर के सामने आवाज दी – “जय जय रघुवीर समर्थ !”उस घर …

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