समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न, इनमें छिपी है हमारी जीवन पद्धति।पढ़े कौन कौन से हैं चौदह रत्न? मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से धन्वतंरि के साथ अन्य रत्न भी निकले थे। आज हम आपको समुद्र मंथन …
Read More »Gyan Shastra
अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है
बाहर बारिश हो रही थी और अन्दर क्लास चल रही थी, तभी टीचर ने बच्चों से पूछा कि अगर तुम सभी को 100-100 रुपये दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?.किसी ने कहा कि मैं वीडियो गेम खरीदुंगा, किसी ने कहा मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा, किसी ने कहा कि मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी,.तो किसी …
Read More »कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था।
कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे। कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते। एक दिन दोनों वनसंचार के लिए गए और रास्ता भटक गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक ही फल लगा था। कृष्ण ने घोड़े पर चढ़कर फल …
Read More »संयम अति आवश्यक है
भारत में कई ऐसे सिद्ध तांत्रिक आज भी हैं, जो मात्र भभूत एवं आशीर्वाद के द्वारा असाध्य रोगों को ठीक कर देते हैं। तंत्र साधना की दो विधियां हैं- दक्षिणमार्गी और वाममार्गी। दक्षिणमार्गी शुद्ध सात्विक साधना है जबकि वाममार्गी तंत्र साधना अघोरियों के अघोर तंत्र से संबंध रखती है। ये अघोरी श्मशान एवं प्रेत शक्तियों का सहारा लेते हैं। आयुर्वेद …
Read More »परशु’ प्रतीक है पराक्रम का
परशु प्रतीक है पराक्रम का राम पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। नारायण के छठे अवतार भगवान परशुराम को कभी सही परिप्रेक्ष्य में समझा ही नहीं गया। नारायण ने एक साथ दो अवतार क्यों लिए? ऐसा हिंस्र अवतार!! नारायण को मनुष्य रूप में लेने की क्या अवश्यकता पड़ी? परशुराम …
Read More »मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी
मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है! वह टोकते हुये बोले: “मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो। मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: “मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ। राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी अनुराग में गाउंगी तो …
Read More »एक लघुकथा सवा मणी
हनुमान जी के मन्दिर में सवामणी चढ़ा कर लौटते हुए एक भक्त से उसके बेटे ने गुब्बारे दिलवाने की जिद की। बच्चा पिट गया। वजह शायद बच्चे की जिद रही होगी या सवामणी के पुण्य का दम्भ इतना बढ़ गया होगा कि भक्त सिर्फ उसी में बौराया था और उसका बच्चे के भाव से तारतम्य टूट गया हो । या …
Read More »महाभारत से एक बहुत अच्छी कहानी
महाभारत की एक बहुत अच्छी कहानी – बहुत प्रासंगिक कर्ण कृष्ण से पूछता है – “मेरी माँ ने मुझे पल जन्म दिया था। क्या यह मेरी गलती है कि मैं एक नाजायज बच्चे का जन्म हुआ? मुझे ध्रुवचर्या से शिक्षा नहीं मिली क्योंकि मुझे गैर क्षत्रिय माना जाता था। परशुराम ने मुझे सिखाया लेकिन तब मुझे क्षत्रिय होने के बाद …
Read More »राम राम क्यों कहा जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है… हिन्दी …
Read More »विक्रम-बेताल के रहस्यमयी कहानियां
प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे। अपने साहस, पराक्रम और शौर्य के लिए राजा विक्रम मशहूर थे। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात्री के पहर में भेष बदल कर नगर में घूमते थे। और दुखियों का दुख भी दूर करते थे। राजा …
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