एक बार एक व्यक्ति एक महात्मा के पास गया और उसने उस महात्मा से कहा कि हे ! महात्मा मुझे बहुत क्रोध आता हैं | कृपया कोई उपाय बताये | तब महत्मा ने धीरे से मुस्कुरा कर हाथ आगे बढाया और अपने हाथ की मुट्ठी बांधकर कहा – हे भाई ! मेरी यह मुठ्ठी बंद हो गई हैं खुल नहीं …
Read More »Panchatantra
घट-घट में राम !!
संत कबीरदास प्रायः गाया करते थे, कबिरहिं फिकर न राम की घूमत मस्त फकीर। पीछे-पीछे राम हैं, कहत कबीर-कबीर। कबीर के एक शिष्य ने कहा, ‘गुरुजी जब भगवान् राम आपके पीछे पीछे घूमते हैं, तो क्यों न हमें भी एक बार उनके दर्शन का सौभाग्य मिले।’ कबीरदास ने हँसकर कहा, भैया, भगवान् उसे ही दर्शन देते हैं, जो दुर्व्यसनों से …
Read More »सौंदर्य क्षण भंगुर है !!
आम्रपाली अपने जमाने की अपूर्व सुंदरी, कुशल गायिका और नर्तकी थी। राजकुमार बिंबिसार से उसने प्रेम विवाह किया था। राजमहल में उसे अपमान के घूँट पीने पड़े। वह वैशाली नगर के बाहर एक आम्र वन में पुत्र जीवक के साथ रहकर संगीत-साधना में रत रहा करती थी। एक दिन आम्रपाली पुत्र के साथ भगवान् बुद्ध के दर्शन के लिए पहुँची। …
Read More »समय का मोल !!
जगद्गुरु शंकराचार्य हमेशा लोगों को यही सीख देते थे कि अपने समय को अच्छे कार्यों में लगाओ। आदमी को कभी भी समय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। एक बार एक धनवान श्रद्धालु ने कहा, ‘महात्मन्, अगर कोई व्यक्ति समय की कमी के कारण अपना समय अच्छे कार्यों में न लगा पाए, तो उसे क्या करना चाहिए? शंकराचार्य ने उस व्यक्ति …
Read More »प्रेम और भक्ति !!
भगवान् श्रीकृष्ण को देखते ही सब उन पर मोहित हो जाते थे। एक दिन बलराम सहज ही में पूछ बैठे, ‘आपके पास ऐसी कौन सी विद्या है, जो सबका मन मोह लेती है। सखा व गोपियाँ ही नहीं, पशु-पक्षी भी आपके पास आने को लालायित रहते हैं। मनसुखा हँसकर बीच में बोला, भैया! कन्हैया कोई जादू जानते हैं । गायें …
Read More »श्रद्धा और सत्कर्म !!
सभी धर्मशास्त्रों में श्रद्धा का महत्त्व प्रतिपादित किया गया है। कहा गया है कि श्रद्धा-निष्ठा के साथ किया गया प्रत्येक सत्कर्म फलदायक होता है। इसलिए कहा गया है, ‘श्रद्धां देवा यजमाना वायुगोपा उपासते। श्रद्धां हृदस्य याकूत्या श्रद्धया विन्दते वसु।’ अर्थात् देवता, संतजन, विद्वान्, यजमान, दानशील, बलिदानी सब श्रद्धा से कर्म की उपासना करते हैं, इसलिए सुरक्षित रहते हैं। श्रद्धा को …
Read More »बकरी और दुष्ट भेड़िया !!
एक बकरी जंगल में अपने सात बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन बकरी बाहर जा रही थी इसलिए उसने बच्चों को दुष्ट भेड़िये से सावधान रहने को कहा। जब माँ चली गई तब वह दुष्ट भेड़िया बकरी होने का ढोंग करके उनका दरवाज़ा खटखटाने लगा। लेकिन बच्चों ने दरवाज़ा नहीं खोला और कहा-“नहीं, तुम्हारी आवाज़ हमारी माँ जैसी …
Read More »बहादुर राजकुमार !!
एक राजकुमार को शिकार का बहुत शौक था। वह बहुत बहादुर था। उसने बहुत भयंकर जानवरों का शिकार किया था। एक दिन उसने एक ड्रेगन का शिकार करने का फैसला किया। वह जंगल में गया और बहुत जल्द उसे एक बड़ा ड्रेगन मिला। उसने तीर से निशाना लगा कर उसे मार डाला। परंतु अगले ही पल एक छोटे मादा …
Read More »स्वार्थी राजा !!
बहुत समय पहले, एक राजा था जो हमेशा अपनी रानी को डॉटता रहता था। एक दिन उसने गुस्से में रानी को महल से निकल जाने को कहा। रानी बहुत दुखी हुई। राजा ने रानी से कहा-“जो तुम्हारे लिए सबसे ज्यादा कीमती हो, उस चीज़ को तुम अपने साथ ले जा सकती हो। अगली सुबह जब राजा जागा तो उसने …
Read More »छोटी चिड़िया !!
एक बार, एक मोर की बहुत सुंदर लेकिन गूंगी लड़की थी। उसने उसका नाम छोटी चिड़िया रखा जो गा नहीं सकती थी। एक दिन राजकुमार बहुत बीमार हो गया। एक परी ने राजा को बताया कि एक छोटी चिड़िया जो गा नहीं सकती हो, राजकुमार को ठीक कर सकती है। यह बात जब मोरची को पता चली तो वह …
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