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Panchatantra

जातक कथा: बिना अकल के नक़ल की कहानी!!

एक समय की बात है, किसी देश में सूखे की वजह से अकाल पड़ गया। सभी लोगों की फसलें सूखकर बर्बाद हो गई। उस देश के लोग खाने-पीने के लिए तरसने लगे। ऐसी मुश्किल घड़ी में बेचारे कौवों और अन्य पशु-पक्षियों को भी रोटी या खाने के टुकड़े नहीं मिल रहे थे। जब कौवों को काफी दिनों से कुछ खाने …

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गौतम बुद्ध और अंगुलिमाल की कथा!!

मगध देश के जंगलों में एक खूंखार डाकू का राज हुआ करता था। वह डाकू जितने भी लोगों की हत्या करता था, उनकी एक-एक उंगली काटकर माला की तरह गले में पहन लेता। इसी वजह से डाकू को सभी अंगुलिमाल के नाम से जानते थे। मगध देश के आसपास के सभी गांवों में अंगुलिमाल का आतंक था। एक दिन उसी …

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बुज़ुर्ग बोझ नहीं, अनमोल धरोहर: जापानी लोक-कथा!!

जापान के एक राज्य में किसी वक्त क़ानून था कि बुजुर्गों को एक निश्चित उम्र में पहुंचने के बाद जंगल में छोड़ आया जाए…जो इसका पालन नहीं करता था, उसे संतान समेत फांसी की सज़ा दी जाती थी…उसी राज्य में पिता-पुत्र की एक जोड़ी रहती थी…दोनों में आपस मे बहुत प्यार था…उस पिता को भी एक दिन जंगल में छोड़ने …

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पालतू भालू !!

किसी शहर में एक बनिया रहता था। वह ज़मींदार का कारिन्दा था । असामियों से रुपया वसूल करना उसका काम था। एक दिन वह असामियों से रुपये वसूल करके घर चला। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। लेकिन मल्‍लाह अपना अपना खाना बना रहे थे। कोई उस पार ले जाने पर राजी न हुआ । वहां से थोड़ी ही दूर …

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जुड़वाँ भाई मुंशी प्रेमचंद!!

कभी-कभी  मू्र्ख मर्द ज़रा-ज़रा-सी बात पर औरतों को पीटा करते हैं। एक गाँव में ऐसा ही एक किसान था। उसकी औरत से कोई छोटा- सा नुकसान भी हो जाता तो वह उसे बग़ैर मारे न छोड़ता । एक दिन बछड़ा गाय का दूध पी गया। इस पर किसान इतना झल्लाया कि औरत को कई लातें जमाईं । बेचारी रोती हुई …

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विक्रम बेताल की अंतिम कहानी: भिक्षु शान्तशील की कथा!!

चौबीस बार लगातार प्रयास करने के बाद, आखिरकार राजा विक्रमादित्य शव को श्मशान ले जाने में कामयाब हो जाते हैं और बेताल शव को त्याग देता है। आगे जानिए क्या हुआ जब राजा विक्रमादित्य शव को लेकर योगी के पास पहुंचे। राजा विक्रमादित्य और उसके कंधे पर शव को देखकर योगी बहुत खुश हुआ। उसने खुशी जताते हुए राजा से …

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महाभारत की कहानी: द्रोपदी का चीर हरण!!

महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसमें कई छोटी-बड़ी शिक्षाप्रद घटनाओं का जिक्र है। द्रौपदी चीरहरण भी महाभारत की ऐसी ही घटना है। द्रौपदी पांचाल देश की राजकुमारी थी और उसका विवाह अर्जुन से हुआ था। अर्जुन ने द्रौपदी के स्वयंवर में मछली की आंख में निशाना साधकर उससे विवाह किया था, लेकिन माता कुंती के अंजाने में दिए एक आदेश से …

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महाभारत की कहानी: कर्ण के जन्म की कथा!!

यह कहानी ऐसे योद्धा की जिसे लोग दानवीर कर्ण के नाम से जानते हैं। कर्ण पांडवों में सबसे बड़े थे और इस बात का पता सिर्फ माता कुंती को ही था। कर्ण का जन्म कुंती के विवाह से पहले ही हो गया था। इसलिए, लाेकलाज के डर से कुंती ने कर्ण को छोड़ दिया था, लेकिन कर्ण का जन्म कुंती …

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महाभारत की कहानी: अर्जुन और चिड़िया की आंख!!

यह द्वापरयुग के उन दिनों की बात है, जब पांचों पांडव और कौरव पुत्र, गुरु द्रोणाचार्य से अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उन दिनों पांडव धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त कर रहे थे। एक दिन गुरु द्रोणाचार्य ने उनकी परीक्षा लेने का विचार किया। परीक्षा के लिए गुरुदेव ने पांचों पांडव – युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के साथ-साथ …

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महाभारत की कहानी: एकलव्य की कथा !!

यह महाभारत काल की बात है, जब भारत के एक जंगल में एकलव्य नाम का एक बालक अपने माता-पिता के साथ रहता था। वह अनुशासित बालक था और उसके माता-पिता ने उसकी परवरिश अच्छे संस्कारों के साथ की थी। एकलव्य की धनुर्विद्या में बहुत रुचि थी, लेकिन जंगल में इसके लिए साधन उपलब्ध नहीं थे। इसलिए, वह गुरु द्रोणाचार्य से …

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