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Story for Children]

पाप का फल!!

पाप का फल सबको भुगतना ही पड़ता है। कभी कभी हमें लगता है कि कोई पाप करने के बाद भी अच्छा जीवन जी रहा है। लगातार उन्नति कर रहा है। लेकिन अंततः उसे अपने किये गए बुरे कर्मों का फल भोगने ही पड़ता है। इसी प्रसंग पर एक बार एक साधु ने अपनी आपबीती सुनाई। जो इस प्रकार है — …

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मानसिक सोच का प्रभाव!!

काशी में एक जनप्रिय राजा राज्य करते थे। उनका नाम अजितसेन था। वे प्रजा का पालन पुत्र की भांति करते थे। उनकी शूरवीरता और प्रजावत्सलता की कीर्ति चारों ओर फैली थी। काशी में ही मणिभद्र नामक एक चंदन की लकड़ियों का बड़ा व्यापारी भी रहता था। उसका गोदाम चंदन की मूल्यवान एवं उच्च कोटि की लकड़ियों से भरा था। लेकिन …

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सपनों की दुनिया!!

पप्पू अपने गांव में मूर्खता के लिए जाना जाता था। एक दिन सुबह-सुबह पप्पू अंडे खरीदने बाज़ार पहुँच गया। बाज़ार से उसने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भरकर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगा। घर जाते-जाते उसे अलग-अलग खयाल आने लगे जैसे कि, अगर इन अंडों से बच्चे निकलें तो …

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किसान और सांप की कहानी !!

एक बार एक किसान सर्दियों के दिनों में अपने खेतों में से गुज़र रहा था। तभी उसकी नज़र एक ठंड में सिकुड़ते हुए सांप पर पड़ी। किसान को पता था की सांप बहुत ही खतरनाक जीव है लेकिन फिर भी उसने उसे उठाया और अपनी टोकरी में रख लिया। फिर उसके ऊपर उनसे घास और पत्ते दाल दिए ताकि उसे …

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जिंदगी का बोझ !!

एक घने जंगल में एक साधु महाराज रहा करता था। कई गांव के लोग अपनी समस्याएं लेकर आते थे और साधु महाराज उनका समाधान करते थे। एक बार जब साधु महाराज बाजार गए थे तब उन्हें एक आदमी मिला। उसने साधु महाराज से पूछा, “गुरुदेव, खुश रहने का राज क्या है?” साधु महाराज बोले, “तुम मेरे साथ जंगल में चलो, …

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कल किसने देखा है!!

शांतिनगर में एक अमीर व्यापारी रहता था। थोड़ा बहुत बूढ़ा होने के बाद भी वह बहुत मेहनत करता था। एक दिन उन्हें न जाने क्या सूझा कि अपने एक नौकर को बुलाकर कहा, ‘पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है?” कुछ दिन बाद नौकर हिसाब लेकर आया और सेठ जी से बोला, “जिस …

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चींटी और कबूतर की कहानी!!

एक बार कड़कती गर्मियों में एक चींटी को बहुत प्यास लगी हुई थी। वो पानी की तलाश में एक नदी किनारे पहुंच गयी। नदी में पानी पीने के लिए वो एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गयी और वहां पर वो फिसल गयी और फिसलते हुए नदी में जा गिरी। पानी का वहाव ज्यादा तेज़ होने से वो नदी में …

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परिश्रम ही दवा है!!

एक चिकित्सक अपनी रामबाण चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी दी हुई दवा से रोगी को लाभ अवश्य होता था। वे खुद भी स्वस्थ थे और असाध्य रोगों को भी ठीक कर देते थे। वे दिन भर लकड़ी काटने का काम करते और जंगल में रहते थे। एक दिन किसी असाध्य रोग से पीड़ित एक व्यक्ति ढूढते हुए उनके पास …

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संयम का फल!!

अपनी पढ़ाई के दिनों में नेपोलियन को कुछ समय आक्लोनी में एक नाई के घर पर रहना पड़ा था। अपनी सुंदरता के कारण नेपोलियन नाई की पत्नी को पसंद आ गया था। वह तरह तरह के हंसी मजाक और क्रिया- कलापों के द्वारा उसे रिझाने की भरपूर कोशिश करती थी। लेकिन नेपोलियन ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। कुछ …

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मनुष्य परिस्थितियों का दास है

एक बार राजा भोज अपने मंत्री के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्हें एक किसान पथरीली, ऊबड़-खाबड़ जमीन पर गहरी नींद में सोता दिखा। राजा ने मंत्री से कहा, “देखो यह किसान कैसे इस असुविधापूर्ण स्थिति में भी चैन से सो रहा है।” “जबकि हम सारी सुविधाएं के बावजूद थोड़ी भी अड़चन में ठीक से सो नहीं पाते …

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