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मोर पंख

मोर पंख, जिसे मोर के पंख के रूप में जाना जाता है, हिन्दू धर्म और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। मोर, जो भारत का राष्ट्रीय पक्षी भी है, को सौंदर्य, गर्व, अनुग्रह, और करुणा का प्रतीक माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में मोर के पंखों का विशेष महत्व बताया गया है। यदि ज्योतिष शास्त्र में बताई गई विधि से मोर पंख को स्थापित किया जाए तो घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और कुंडली के सभी नौ ग्रहों के दोष भी शांत हो जाते हैं।
घर का वास्तु ठीक करने का उपाय
घर का द्वार यदि वास्तु के विरुद्ध हो तो द्वार पर तीन मोर पंख स्थापित करें। इससे धर के सारे दोष समाप्त होते है।
शनि की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
अगर किसी पर शनि देव का कुप्रभाव हो तो वह शनिवार को तीन मोर पंख लेकर पंख के नीचे काले रंग का धागा बांधें और एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें-
ऊं शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
इस मंत्र के उच्चारण के बाद तीन मिट्टी के दीपक तेल सहित शनि देवता को अर्पित करें। फिर गुलाब जामुन या किसी अन्य मिठ्ठी वस्तु से शनि देव को भोग लगाएं।
चंद्र की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
सोमवार को आठ मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांधें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियां भी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
इसके बाद पान के पांच पत्ते चंद्रमा को अर्पित करें और बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं।
मंगल की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
मंगलवार को सात मोर पंख लेकर, पंख के नीचे लाल रंग का धागा बांधें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
पीपल के दो पत्तों पर चावल रखकर मंगल ग्रह को अर्पित करें। बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
बुध की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
बुधवार को छ: मोर पंख लेकर, पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
बुद्ध ग्रह को जामुन अर्पित कर केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं।
गुरु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं ब्रहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
ग्यारह केले बृहस्पति देवता को अर्पित करें।
बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ाएं।
शुक्र की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर, पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांधें। एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। Rpd
ऊं शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
तीन मीठे पान शुक्र देवता को अर्पित कर गुड़-चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं।
सूर्य की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए
रविवार के दिन नौ मोर पंख लेकर आएं और पंख के नीचे मैरून रंग का धागा बांधें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखें, गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
मंत्र- ऊं सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
इसके बाद दो नारियल सूर्य भगवान को अर्पित करें।
राहु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शनिवार को सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख लेकर पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बांधें। एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखकर इस पर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
चौमुखा दीपक जलाकर राहु को अर्पित करें।
कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं।
केतु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शनिवार को सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख लें और पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बांधें। एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखकर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊं केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
पानी के दो कलश भरकर राहु को अर्पित करके फलों का प्रसाद चढ़ाएं

धार्मिक महत्व:

  • भगवान कृष्ण: हिन्दू धर्म में मोर पंख विशेष रूप से भगवान कृष्ण के साथ जुड़ा हुआ है। भगवान कृष्ण की मूर्तियों और चित्रों में अक्सर उन्हें अपने मुकुट में मोर पंख धारण किए हुए दिखाया जाता है। यह पंख उनकी विशिष्ट पहचान बन चुका है और उनकी लीलाओं, उनकी युवावस्था और उनके निर्मल प्रेम का प्रतीक है।
  • सरस्वती और लक्ष्मी: कुछ परंपराओं में, मोर पंख को देवी सरस्वती और देवी लक्ष्मी के साथ भी जोड़ा जाता है, जो ज्ञान, धन, और समृद्धि की देवियां हैं।

वैज्ञानिक पहलू:

मोर पंख की अद्वितीय विशेषताएं और उसकी संरचना ने वैज्ञानिकों की भी रुचि आकर्षित की है। इसकी चमक और रंग संरचनात्मक वर्णक्रमीयता का परिणाम है, जो प्रकाश के परावर्तन और अपवर्तन के जटिल खेल से उत्पन्न होती है।

सांस्कृतिक और सजावटी उपयोग:

  • सजावट: मोर पंख का उपयोग घरों, मंदिरों, और सार्वजनिक स्थानों की सजावट के लिए किया जाता है। यह वातावरण में सौंदर्य और शांति का अहसास लाता है।
  • वस्त्र और आभूषण: मोर पंख की डिजाइन वस्त्रों, आभूषणों, और अन्य फैशन सामग्रियों में लोकप्रिय है।

मोर पंख की सौंदर्यात्मक और आध्यात्मिक महत्व के कारण, यह कला, संस्कृति, और धर्म में एक प्रिय प्रतीक बना हुआ है।

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